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देहरादून : देहरादून जनपद के अंतर्गत विकास नगर के जीवनगढ़ में एक हैवानियत भरा मामला सामने आया है। यहाँ रहने वाली एक विवाहिता के साथ ससुरालियों ने अमानवीयता की सारे हदें पार कर दी। ससुरालियों ने विवाहिता को 15 दिन तक न केवल भूखा-प्यासा रखा, बल्कि बाथरूम में बंद कर दिया। उसे खाने में भी जूठन दी जाती थी। जब विवाहिता ने विरोध किया तो उसे गर्म तवे और गर्म पानी डालकर जलाया गया। आरोप है कि दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर ससुरालियों ने पीड़ित महिला के साथ इस तरह की हैवानियत की।

पीड़िता प्रीती की मां जब बेटी का हाल जानने ससुराल पहुंची, तो हैवानियत के इस खेल का पता चला। जिसके बाद पीड़ित की मां ने ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ मारपीट और दहेज उत्पीड़न पर नई टिहरी थाने में तहरीर दी है।

मामले में नई टिहरी कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपित सास और ननद को गिरफ्तार कर लिया है। चिकित्सकीय टीम भी महिला की हालत देखकर सन्न रह गयी। पीड़ित महिला के शरीर पर जलाने के 20-25 निशान मिले हैं। इस मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने पीड़ि‍ता प्रीती से जानकारी लेने के बाद एसएसपी टिहरी को आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।

मिली जानकारी के मुताबिक जाखणीधार ब्लाक के रिंडोल गांव निवासी सरस्वती देवी की बेटी प्रीति की शादी दस साल पहले देहरादून के जीवनगढ़ निवासी अनूप जगूड़ी के साथ हुई थी। प्रीति का पति अनूप मानसिक रूप से कमजोर है। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण प्रीति पर बीते कई सालों से अत्याचार किया जा रहा था। शादी के बाद से ही प्रीति को उसकी सास सुभद्रा, ससुर देवेंद्र और ननद जया दहेज के लिए पीटते थे।

पीड़िता महिला के दो बेटे और एक बेटी है। बड़ा बेटा 9, बेटी 8 तथा एक बेटा 4र साल है, जो उसके ससुराल में हैं। ससुर देवेंद्र जगूड़ी आईटीबीपी में नौकारी करते हैं। जबकि उनका पति अनूप जगूड़ी कोई काम नहीं करता है। लेकिन पीड़ित महिला ने अपने पति के खिलाफ पुलिस में किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं की है।

प्रीति की मां सरस्वती देवी ने बताया कि पिछले काफी दिनों से उनकी बेटी का मोबाइल फोन बंद आ रहा था, जिससे उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हुई और 16 सितंबर को वह अपने बेटे जितेंद्र के साथ उसकी ससुराल जीवनगढ़ पहुंच गई। वहां उनकी बेटी की सास ने उन्हें बेटी से मिलने नहीं दिया और कहा कि उनकी बेटी ठीक है और किचन में खाना बना रही है। अचानक इस बीच उनका बेटा जितेंद्र वहां किचन में गया तो वहां उनकी बेटी घायल और बिना कपड़ों के एक चुन्नी की मदद से छिपाई गई मिली।

जब उन्होंने बेटी को देखा तो उसके शरीर पर जलाने के निशान थे और सिर पर गहरा घाव था। बेटी इतनी बुरी हालत थी कि कुछ बोल भी नहीं पा रही थी। इस दौरान उसकी सास आई और उसने धमकी दी कि अगर उन्होंने यह बात किसी को बताई तो उनके पूरे परिवार को खत्म कर दिया जाएगा। इस दौरान उनके दामाद अनूप ने भी बताया कि उसकी पत्नी को उसकी मां और बहन ने जलाया है।

पीड़ि‍ता की मां ने बताया कि उसके बच्चों को भी डरा धमका कर चुप कराया जाता था। उसके बाद अगले दिन वह अपनी बेटी को लेकर रिंडोल गांव आ गए। पीड़ित के स्वजन और ग्रामीणों ने एसएसपी कार्यालय में पहुंचकर आरोपितों के खिलाफ नई टिहरी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया।

इसके बाद टिहरी पुलिस ने सास सुभद्रा और ननद जया को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित महिला के तीनों बच्चों को भी टिहरी पहुंचा दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि आरोपित सास और ननद को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को न्यायालय में पेश किया गया है। पीड़ित महिला को बेहतर उपचार के लिए देहरादून भी भेजा जा सकता है।

पीड़िता ने बताया कि सास और ननद उसे लंबे समय से प्रताड़ित कर रहे थे। वह उसे गर्म तवे से जलाते थे। कई बार उस पर गर्म पानी डाल देते थे। किसी को उसकी चीख न सुनाई दे, इसलिए मुंह में कपड़ा ठूंस देते थे। कई-कई दिनों तक खाना नहीं देते थे, झूठी थालियों में बचा खाना खाकर वह किसी तरह जी रही थी।