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उत्तराखंड के गांधी स्व इंद्रमणि बडोनी की जयंती पूरे उत्तराखंड में लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाई जाती है। 24 दिसम्बर को अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज डांगचौरा, टिहरी गढ़वाल में आयोजित लोक संस्कृति दिवस में बतौर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं संस्कृति कर्मी प्रोफेसर डीआर पुरोहित व विशिष्ट अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी कीर्तिनगर ब्लॉक डॉ सुरेन्द्र सिंह नेगी थे।

इस अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं ने लोक संस्कृति के विभिन्न रंगों को बिखेरते हुए गढ़वाली, कुमाऊनी एवं जौनसारी लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां दीं।

विद्यालय के शिक्षक/ शिक्षिकाओं शरद लिंगवाल ने कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों का स्वागत मांगलगीत की प्रस्तुति से की। शिक्षक शिशुपाल चौधरी ने सुंदर लोकगीत प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध किया। प्रवक्ता रसायन विज्ञान लोकभाषा कवि दिनेश फोंदनी ने अपनी गढ़वाली कविता वैज्ञानिक अंदाज में प्रस्तुत की। विद्यालय की शिक्षिका स्वर कोकिला श्रीमती सुमित्रा रावत ने मनमोहक कुमाऊनी गीत प्रस्तुत कर प्रांगण के माहौल में उत्स एवं छंद बिखेर दिया। अंग्रेजी प्रवक्ता एवं शिक्षकों के मंडलीय संरक्षक शिव सिंह नेगी ने उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के जीवन वृत्त पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए उनके सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं उत्तराखंड आंदोलन के लिए किए कार्यों का वर्णन किया।

कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की लगभग 50 छात्राओं ने लोकनृत्य, गायन, चित्रकला एवं निबन्ध प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर मनमोहक प्रस्तुतियां देकर पुरस्कार प्राप्त किए। विद्यालय में लोक व्यंजन चैंसा, भात, हरी सब्जी, एवं रोटाना बनाए गए।

विशिष्ट अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी डॉ एसएस नेगी ने अपना संबोधन कुमाऊनी भाषा में करते हुए छात्र छात्राओं को लोकभाषा एवं लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रेरित किया एवं उन्होंने कुमाऊनी लोकगीत की प्रस्तुति भी दी।

मुख्य अतिथि विख्यात रंगकर्मी एवं संस्कृति कर्मी प्रोफेसर डीआर पुरोहित ने कहा कि यदि संस्कृति बचेगी तो भाषा भी संरक्षित होगी। प्रो. पुरोहित ने गढ़वाली भाषा में संबोधन करते हुए कहा कि हमारी लोक संस्कृति से जुड़े कई शब्द आज हमारे लोक लोक समाज की उपेक्षा के कारण विलुप्ति के कगार पर है जो कि हमारी भाषा के संरक्षण के लिए बड़ी छति है।

कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाचार्य सीपी बंगवाल ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक शैलेन्द्र तिवारी ने गढ़वाली भाषा में किया।

इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक  सीपी देवली, रामेंद्र पुंडीर, श्रीमती रेणु कठैत, राहुल भट्ट, लखपत कंडारी, प्रदीप जुगरान, रंजन नेगी, विनोद ममगाईं, बीएम कृथ्वान, जगदीश रावत, राम सिंह बिष्ट, राम सिंह चौहान, श्रीमती सोनम लिंगवाल, श्रीमती लक्ष्मी देवी, धर्म सिंह नेगी, सुरतू मिस्त्री, मनोज रावत, सुमित सेमवाल, वीरेंद्र फोंदनी आदि सभी लोगों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किया।

छात्राओं की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को तैयार करने में श्रीमती सुमित्रा रावत, श्रीमती रेणु कठैत, राहुल भट्ट, रंजन नेगी एवं शिशुपाल चौधरी ने विशेष सहयोग किया। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत बैज अलंकरण, माल्यार्पण, स्मृतिचिन्ह एवं शौल भेंट कर किया गया। उत्तराखंड के गांधी स्व इंद्रमणि बडोनी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।gic-dangchaura

जीआईसी नवाखाल में मनाई गई स्व. इंद्रमणि बडोनी की जयंती

राजकीय इंटर कॉलेज नवाखाल विकासखंड खिर्सू में भी स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की जयंती को लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं को रोटना आदि व्यंजन दिए गए। इस दौरान छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने गढ़वाली गीतों की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर शिक्षक डॉक्टर रमेश डोभाल, आदित्यराम कांडपाल आदि ने स्वर्गीय इंद्रमणि के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। शिक्षक आदित्यराम कांडपाल ने कहा कि स्वर्गीय बडोनी एक ओजस्वी वक्ता, प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं संस्कृति प्रेमी थे। उत्तराखंड राज्य निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है। प्रधानाचार्य शरद रावत ने सर्वप्रथम स्वर्गीय बडोनी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। उसके बाद शिक्षकों एवं छात्रों ने भी पुष्प चढ़ाकर नमन किया है। इस अवसर पर शिक्षक डॉ. रमेश डोभाल, आदित्य कांडपाल, महेंद्र सिंह नेगी, टीपी डिमरी, प्रदीप कुमार, बबलू राम, वंदना रावत, शुभम सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर रमेश डोभाल ने किया।