fire in uttarakhand forest nasa satellite image

देहरादून : उत्तराखंड में इन दिनों गढ़वाल से लेकर कुमाऊँ तक जंगलों आग ने कहर ढा रखा है। धधकते जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए गढ़वाल मंडल में वायुसेना का आपरेशन जारी है। उत्तराखंड के जंगल आग से किस कदर धधक रहे हैं, इसका अंदाजा नासा के सेटेलाइट चित्रों से लगाया जा सकता है। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) ने सेटेलाइट चित्रों का विश्लेषण कर बताया कि उत्तराखंड के जंगलों में पिछले 22 दिनों यानी 15 मार्च से 05 अप्रैल तक आग की 1187 घटनाएं प्रकाश में आई हैं। इनमें से 679 घटनाएं एक अप्रैल से पांच अप्रैल के बीच की हैं।

यूसैक निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट के मुताबिक आग की स्थिति का पता लगाने के लिए नासा के सेटेलाइट मोडीस सी-6 के चित्रों का विश्लेषण किया गया। वर्तमान में उत्तराखंड का कोई जिला ऐसा नहीं है, जहां के जंगल आग से प्रभावित न हों। हालांकि, सर्वाधिक प्रभावित जंगल नैनीताल, पौड़ी और टिहरी जिले के हैं। सेटेलाइट चित्रों के विश्लेषण से एक अहम बात यह भी सामने आई है कि 15 मार्च के आसपास जब जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हुआ तो वन विभाग अपेक्षित रूप से अलर्ट मोड में नहीं आ पाया। 15 मार्च से 31 मार्च तक जंगलों में आग की कुल 508 घटनाएं पाई गईं। अगर आग को नियंत्रित करने के लिए तभी बेहतर उपाय कर लिए जाते तो यह आंकड़ा 1187 तक न पहुंचता। हालाँकि बेकाबू होती आग पर काबू पाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी। जिसके बाद केंद्र में जंगलों की आग बुझाने के लिए वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर के साथ NDRF की टीम भेजी है। एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने टिहरी तथा पौड़ी जिलों में आग बुझाना शुरू कर दिया है।

आग से सर्वाधिक प्रभावित जिले

जिलाघटनाएंप्रभावित क्षेत्र (हेक्टेयर)
पौड़ी338560.05
अल्मोड़ा103177.6
टिहरी133174.32
बागेश्वर122174.17
देहरादून83173.85
पिथौरागढ़94153.5
रुद्रप्रयाग89104.1