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नई दिल्ली: रविवार 15 दिसम्बर को सामाजिक संस्था बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था द्वारा “गढ़वाल भवन” नई दिल्ली में उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की बाल प्रतिभाओं की द्वितीय गायन प्रतियोगिता गित्येर- 2019 का शानदार आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य संगीत के क्षेत्र में उत्तराखंड के दूर दराज गाँवों में दबी/छुपी बाल प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना था। संस्था का यह प्रयास लगातार दूसरी बार भी काफी सफल रहा क्योंकि जिन बाल प्रतिभाओं ने गित्येर 2019 प्रतियोगिता में भाग लिया वे वाकई कमाल की प्रतिभाएं हैं। उत्तराखंड के दूरदराज गांवों से बाल प्रतिभाओं खोजकर इस मंच तक लाने में बद्री केदार संस्था के सदस्यों द्वारा की गई मेहनत काबिले तारीफ है। संस्था के अध्यक्ष राजपाल पंवार ने बताया कि इस बार प्रतियोगिता के लिए करीब 55 बच्चों के विडियो प्राप्त हुए थे। जिसके बाद संस्था द्वारा निर्धारित निर्णायक मंडल ने सभी वीडियोज को बारीकी से परखकर उनमें से सबसे बेहतरीन 10 बच्चों का गित्येर-2019 के लिए चयन किया। एक बच्चे के अस्वस्थ होने की वजह से आज 9 बच्चों ने गित्येर 2019 प्रतियोगिता में भाग लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन अजय बिष्ट द्वारा किया गया।

उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की बाल प्रतिभाओं की गायन प्रतियोगिता गित्येर 2019  के लिए जूरी पैनल (निर्णायक मंडल) में उत्तराखंड के लोक संगीत की महान हस्तियों को शामिल किया गया था। जिनमे मुख्यरूप से उत्तराखंड के महान लोक गायक, कवि स्वर्गीय चन्द्र सिंह राही के सपुत्र प्रसिद्ध संगीतकार वीरेन्द्र नेगी राही, उत्तराखंड की लोकगायिका स्वरकोकिला मीना राणा, माया उपाध्याय निर्णायक मंडल का हिस्सा रहे। इसके अलावा उत्तराखंड प्रसिद्ध लोकगायक किशन महिपाल एवं शिवदत्त पन्त जी भी कार्यक्रम में बाल प्रतिभाओं की हौसलाअफजाई के लिए मौजूद रहे।gityer-2019-winner

पौड़ी गढ़वाल के सतपुली का जितेन्द्र बना गित्येर 2019 का विजेता

तीन राउंड चली प्रतियोगिता में बाल गित्येरों ने एक से बढकर एक खुबसूरत लोकगीतों का ज्ञान किया। जिसकी वजह से जूरी पैनल के लिए प्रतियोगिता में विजेता का चुनाव करना बेहद मुश्किल रहा। बाल कलाकारों ने एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियां पेशकर जूरी पैनल के सदस्यों के माथे पर पसीना निकाल दिया। अंत में पैनल ने काफी बारीकी से देखते हुए विजेताओं का चयन किया। जूरी पैनल द्वारा पौड़ी गढ़वाल के सतपुली के जितेन्द्र को गित्येर 2019 का विजेता घोषित किया गया। जितेन्द्र ने गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी जी के लोकगीत दादू मै पर्वतों कु वासी” तथा “ना काटा तौं डाल्युं न काटा भुलों डाल्युं न काटा. जैसे खुबसूरत लोक गीतों से दर्शकों के साथ-साथ जूरी सदस्यों का भी दिल जीत लिया। गित्येर 2019 के विजेता जितेन्द्र को संस्था द्वारा विजेता ट्रॉफी के साथ 21,000/- रुपये की नगद धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। प्रतियोगिता की पहली रनरअप पौड़ी गढ़वाल के कल्जीखाल ब्लॉक के थैर गाँव की कालज रही। जबकि तीसरे स्थान पर पौड़ी जनपद के श्रीनगर की दिव्या रही। द्वितीय स्थान पर रही कालज को ट्रॉफी के साथ 15,000/- रुपये की नगद धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया, जबकि तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली दिव्या को 11,000/-  रुपये की नगद धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। शेष सभी प्रतिभागियों को 5,100/- रुपये, की प्रोत्साहन राशि के साथ-साथ मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किये गए। इसके आलावा कार्यक्रम के दौरान शारीरिक रूप से दिव्यांग उत्तराखंड की दो प्रतिभाओं सौरभ कपरवाण और सरोज ने अपनी खूबसरत आवाज से दर्शकों का दिल जीत लिया।

गित्येर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जीत राम भट्ट (सचिव भाषा एवं संस्कृत अकादमी दिल्ली), डीआईजी कॉस्टगार्ड कैलाश नेगी, जिला जज प्रेम बर्तवाल, जज विनोद बर्तवाल के अलावा कार्यक्रम संयोजक दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा, कार्यक्रम में विशेष सहयोगी डीपीएमआई के चेयरमैन एवं समाजसेवी विनोद बच्छेती, सुधीर रावत, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (उत्तराखंड प्रकोष्ठ) कुलदीप भण्डारी, सुधीर रावत, प्रताप गुसाईं,समाजसेवी कुसुम असवाल, पीएन शर्मा व एस के नेगी, कवि दिनेश ध्यानी, हास्य कवि जयपाल रावत “छिपडू”, नई पहल नई सोच टीम के मंजू भदोला, संजय चौहान, प्रभा बिष्ट, सोनू वर्मा, मीडिया जगत से देहरादून से वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल, चारू तिवारी, जगमोहन डांगी, विनोद मलकोटी, देवभूमि संवाद से सत्येन्द्र नेगी, बद्री केदार संस्था के सभी सदस्यों सहित उत्तराखंड के कई गण्यमान्य व्यक्तियों के अलावा सौकड़ों लोग मौजूद रहे।