cracks appear on Badrinath national highway in Joshimath

cracks appear on Badrinath highway: उत्तराखंड के चमोली जनपद के अंतर्गत जोशीमठ शहर में भू धंसाव से अब तक 863 भवनों में दरारें पड़ चुकी हैं। जोशीमठ में संकट के बीच बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर भी 1-2 मीटर तक दरारें आ गई हैं। इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। इन दरारों को देखने के बाद इलाके के लोगों में डर का माहौल है और इस बात पर चर्चा हो रही है कि आखिर इस समस्या का समाधान कैसे होगा। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि ये दरारें चिंता की बात नहीं है। बद्रीनाथ में यात्रा शुरू होने से पहले इन्हें ठीक कर दिया जाएगा। बद्रीनाथ में मई में यात्रा शुरू होती है।

जोशीमठ में कुल 4500 घर हैं। इनमें से 181 इमारतों को असुरक्षित घोषित किया गया है। जोशीमठ में रेस्क्यू का काम जारी है। लोगों को अस्थाई राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा रहा है। जोशीमठ में आपदा के हालातों को लेकर आज आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में दरार वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है। अभी तक 863 भवनों पर दरारें चिन्हित की गई है। हालांकि, पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी हुई है। इस समय 180 एलपीएम पानी डिस्चार्ज हो रहा है। वहीं, प्रभावितों के लिए व्यवस्था और बदरीनाथ यात्रा को लेकर भी उन्होंने जानकारी दी।

सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में 261 प्रभावित परिवारों को अग्रिम राहत के तौर पर 3.45 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित की गई है। 278 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा चुका है। इन परिवारों में 933 लोग हैं। जोशीमठ के गांधीनगर में 1 वार्ड, सिंहधर में 2, मनोहरबाघ में 5, सुनील में 7 वार्ड असुरक्षित जोन घोषित किया गया है।

उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर भराड़ीसैंण के हॉस्टल में जोशीमठ के प्रभावितों को ठहराया जाएगा। वहां पर विधायक हॉस्टल और अन्य जो भवन बने हैं, उनमें प्रभावित परिवारों की सहमति से उन्हें ठहराया जाएगा। रंजीत सिन्हा ने जानकारी दी कि भराड़ीसैंण में करीब 200 परिवारों को शिफ्ट किए जाने की क्षमता है।

आपदा सचिव सिन्हा ने बताया कि अभी तक 261 परिवारों को अंतरिम तौर पर राहत धनराशि दी जा चुकी है। आपदा प्रभावितों के लिए प्रीफैबरीकेटेड भवनों को बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार जोशीमठ के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। सीएम धामी ने आज अधिकारियों के साथ जोशीमठ को लेकर तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की। जिसमें राहत पैकेज को लेकर भी बातचीत हुई। साथ ही प्रभावित परिवारों को भराड़ीसैंण में शिफ्ट किए जाने पर भी चर्चा हुई।

जोशीमठ आपदा की वजह से बदरीनाथ धाम की यात्रा इस वक्त सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे में बदरीनाथ के लिए हेलंग बाईपास का काम शुरू करने के लिए आईआईटी रुड़की पहले परीक्षण कर रही है। जिसके बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।