बीते 29 जून को पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल ब्लॉक की 23 साल की स्वाति ध्यानी की प्रसव के दौरान लचर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते हुई मौत से आहत उत्तराखंड के सामाजिक लोगों ने “पौड़ी जन स्वास्थ्य अभियान” फेसबुक पेज के माध्यम से आमजन से अपील कर कहा कि अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के बाहर, स्वर्गीय स्वाति ध्यानी और उन तमाम महिलाओं के लिए, जो सृष्टि सृजन की पवित्र प्रक्रिया के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का शिकार बनी उन सब के लिए आने वाली 11 जुलाई, ठीक 11 बजे, 1 दिया और 2 मिनट का मौन रखें।
बतादें कि बीते 29 जून को पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 23 साल की स्वाति ध्यानी ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद से ही स्वाति की हालत बिगड़ती गई और जब तक उसे कोटद्वार अस्पताल ले जाया गया तो रास्ते मे ही उसकी मौत हो गई। डाक्टरों का कहना था कि अत्याधिक रक्तस्राव होने से स्वाति की मौत हुई। स्वाति के परिजनों का कहना है कि पीएचसी रिखणीखाल में उसे न तो अच्छा इलाज मिला और न समय पर रेफर किया गया। स्वाति की मौत अकेली और पहली मौत नहीं है। पर्वतीय जिलों में लचर स्वास्थ्य सुविधाओं और रक्त की कमी के कारण हर साल स्वाति जैसी दर्जनों गर्भवती महिलाएं या प्रसूताएं असमय ही मौत का शिकार हो जाती हैं।
पौड़ी जन स्वास्थ्य अभियान फेसबुक पेज ने स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि 11 जुलाई को स्वर्गीय स्वाति ध्यानी की तेरहवीं है। कल के उत्तराखंड विमर्श में सर्वसम्मति से तय किया गया था, कि इस पुण्यात्मा के बलिदान को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। उनकी तेरहवीं के दिन 11 जुलाई 2020 को उत्तराखंड राज्य के सभी जगह पर (जहाँ भी लोग जागरूक होंगे), नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के बाहर एक दिया जलाएंगे, 2 मिनट का मौन रखेंगे और राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक करने की सरकार से मांग करेंगे। हमारा मानना है कि जब तक मांग नहीं करेंगे तब तक कोई सरकार कुछ नही देगी। मांगोगे तभी मांग पूरी होगी।
ये अभियान किसी एक सरकार या पार्टी के खिलाफ नहीं है बल्कि पिछले 20 वर्षों के लचर स्वास्थ्य सेवाओं की सामूहिक जिम्मेदारी लेने का मनवचन सुद्धि यज्ञ होगा। इस लचर व्यवस्था के हम सब जिम्मेदार है, हर वो व्यक्ति जो इस प्रदेश का नागरिक है और सरकार चुनने के लिए मतदान करता है लेकिन अपने चुने प्रतिनिधि या सरकार से सवाल नहीं पूछता। उत्तराखंड के सभी जागरूक नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों से निवेदन है कि स्वास्थ्य को एक मुद्दा बनायें। वरना आज एक परिवार ने अपनी 23 वर्षीय बेटी-ब्वारी खोई है, कल किसी और का नंबर आएगा।
11 जुलाई, ठीक 11 बजे, 1 दिया और 2 मिनट का मौन, अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के बाहर। 11 जुलाई तक रोज अपने सोशल मीडिया पलटफोर्म पर कम से कम एक पोस्ट स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए।
(source: पौड़ी जन स्वास्थ्य अभियान फेसबुक पेज)