Kadaknath Chicken poultry Farming

श्रीनगर गढ़वाल : कोरोना संकट काल में बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंड लौट चुके हैं। इनमे से ज्यादातर प्रवासी दुबारा गाँव छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं, और अब यहीं रह कर कुछ करना चाहते हैं। यूँ यो उत्तराखंड में युवाओं के लिए स्वरोजगार के जरिये आत्मनिर्भर बनने की अपार संभावनाएं हैं। परन्तु इसके लिए जरुरत है एक सही सोच की और उसको अमल में लाने की। हमने अब तक देवभूमि संवाद के माध्यम से पहाड़ के कई ऐसे युवाओं की स्वरोजगार को लेकर की गई शानदार पहल को आप लोगों तक पहुँचाया है। कुछ लोग गाँव में फूलों का उत्पादन कर रहे हैं, कुछ फल एवं सब्जियां उगा रहे हैं, कुछ मशरूम की खेती कर रहे हैं तो कुछ लोग पशुपालन के जरिये स्वरोजगार की अलख जगाये हुए हैं।

ऐसे ही एक युवा इंजीनियर अभिलाष पौड़ी गढ़वाल के खिर्सू ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले रामपुर गाँव से है। जो कुछ वर्ष पहले बीटेक (इंजीनियरिंग) करने के बाद रोजगार की तलाश में दुबई चला गया था। परन्तु दुबई में मन नहीं लगने की वजह से अभिलाष कुछ समय तक नौकरी करने के बाद वहाँ से वापस स्वदेश लौट आया। यहाँ नौकरी की तलाश में भटकते-भटकते उनके मन में अचानक स्वरोजगार का विचार आया। जिसके बाद उन्होंने सबसे पहले अपने गाँव रामपुर में जर्जर पड़े अपने पुराने घर का जीर्णोद्धार किया। और इसमें कड़कनाथ मुर्गी पालन तथा मछली पालन का काम शुरू किया है। इसके लिए अभिलाष ने पंतनगर से 30 कड़कनाथ मर्गी खरीदी हैं। जिसके मांस व अंडे का व्यापार भी शुरू हो गया है। साथ ही उन्हें मत्स्य पालन के लिए खिर्सू ब्लॉक से 500 से अधिक मछली मिली हैं। आपको अभी लग रहा होगा कि मुर्गी पालन में क्या नया है और इसमें कितनी कमाई हो पायेगी। परन्तु बतादें कि यह साधारण मुर्गी पालन नहीं है बल्कि कड़्कनाथ मुर्गी पालन है।

क्या कड़कनाथ की विशेषतायें हैं 

अब हम आपको कड़कनाथ के बारे बताते हैं कि कड़्कनाथ होता क्या है और इसकी क्या खूबियाँ हैं। कड़कनाथ मध्य प्रदेश के झाबुआ में पाई जाने वाली जंगली काली मुर्गी की एक भारतीय नस्ल है।  इसे काले मासं के नाम से भी जाना जाता है। जैसे कि सबको पता है कि आम तौर पर मुर्गियों का खून लाल, मांस हल्का लाल तथा अंडे सफ़ेद होते हैं। परन्तु कड़कनाथ मुर्गी के रंग के जैसे ही उसके खून का रंग, मांस और यहाँ तक कि अंडे भी काले होते हैं। इसमे लौह तत्व ही अधिक मात्रा होने के कारण, इसका रक्त, मांस और हड्डियां भी काले रंग की होती हैं। वैज्ञानिक आंकड़ों से पता चलता है कि कड़कनाथ मुर्गे में लौह तत्व एक साधारण मुर्गे की तुलना में लगभग 10 गुना होता है। कड़कनाथ के मांस में विटामिन B-1, B-2, B-6 और B-12 भरपूर मात्रा में होता है। कड़कनाथ चिकन का सेवन लाल रक्त कोशिकाओं और हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है। इसी लिए कड़कनाथ नस्ल की मुर्गी का मांस और अंडा काफी महंगा बिकता है।

जानकारी के मुताबिक कड़कनाथ मुर्गे की कीमत 900 से 1200 रुपये प्रति किलो होती है जबकि मुर्गी की कीमत 3000 से 4000 रुपये के बीच होती है। इसके एक अंडे की कीमत भी 50 रुपये के करीब होती है। अंडे की रेट भी बदलते रहते हैं। इसका मांस काफी कड़ा होता है। सामान्य मुर्गों के पकने की तुलना में कड़कनाथ का मांस दोगुना समय लेता है। और इसका स्वाद भी लाजवाब होता है।