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Kanwar Yatra 2023: धर्मनगरी हरिद्वार में 4 जुलाई से शुरू हुये कांवड़ मेले का आज 15 जुलाई को सफल समापन हो गया है। इस बार कांवड़ियों की संख्या ने पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। पिछले 12 दिनों में करीब 4 करोड़ 7 लाख शिव भक्त गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचे। इस बार कावड़ मेला पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. इस बार खराब मौसम के चलते धर्मनगरी हरिद्वार में आने वाले कांवड़ियों के साथ ड्यूटी कर रहे सभी आला अधिकारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. एक ओर धर्मनगरी हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में आपदा जैसे हालात रहे. वहीं, दूसकी ओर कांवड़ियों के लिए व्यवस्थाएं बनाना, दोनों ही पुलिस-प्रशान के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा.

इस बार भी कांवड़ मेले में जल पुलिस की मुख्य भूमिका में रही. जल पुलिस ने इस बार 64 कांवड़ियों को गंगा में डूबने से बचाया गया. इसकी मॉनिटरिंग खुद हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह द्वारा की जा रही थी. इसमें एसडीआरएफ का भी सहयोग मिला. वहीं इस बार के कांवड़ मेले में पुलिस ने 667 खोये लोगों को उनके परिजनों से मिलाया.

कांवड़ मेला सकुशल संपन्न होने के बाद हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने अपनी पूरी टीम के साथ भगवान शिव की ससुराल दक्षेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. जहां उन्होंने देर शाम पूजा-अर्चना की. जानकारी देते हुए हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने बताया इस बार कावड़ मेला काफी चुनौतीपूर्ण रहा. खराब मौसम के चलते आपदा जैसे हालात थे. अजय सिंह ने बताया हाईवे के दोनों साइड चलाना, कांवड़ पटरी का डाक कावड़ में उपयोग करना सभी निर्णय लाभकारी सिद्ध हुए. कावड़ मेलों के मुताबिक इस बार जाम की स्थिति ना के बराबर रही.

10 वर्षों का कांवड़ियों का विवरण

वर्ष          कांवड़ियों की संख्या

  1. 2011        1.52 करोड़
  2. 2012        1.95 करोड़
  3. 2014        2.65 करोड़
  4. 2015        3.19 करोड़
  5. 2016        3.23 करोड़
  6. 2017        3.70 करोड़
  7. 2018        3.76 करोड़
  8. 2019        3.30 करोड़
  9. 2022       3.80 करोड़
  10. 2023        4.07 करोड़

पुलिस महानिदेशक ने उत्तराखंड पुलिस को दी बधाई

कांवड़ मेला 2023 सकुशल संपन्न होने पर पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड ने समस्त उत्तराखंड पुलिस को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये मेला उत्तराखंड पुलिस के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण है तथा इस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ से चुनौती और भी कठिन थी । हमारे 80 परसेंट ऑफिसर्स और 60 परसेंट फोर्स इस मेला को सकुशल संपन्न कराने में लगी थी ।