Kargil Vijay Diwas: हमारा भारत देश आज कारगिल विजय दिवस की ‘रजत जयंती’ मना रहा है। आज ही के दिन यानी 26 जुलाई 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान लद्दाख में भारतीय लड़ाकों ने पाकिस्तान पर विजय हासिल की थी। कारगिल युद्ध की शुरुआत मई 1999 में हुई थी। करीब 3 महीने तक चले कारगिल युद्ध के दौरान 674 भारतीय सैनिकों ने देश के लिए बलिदान दे दिया था। कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 रणबांकुरों ने प्राणों की आहुति दी थी। शहीदों की याद में आज का दिन विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शहीदों को याद कर उनके बलिदान को याद किया जाता है। भारत की जीत की ‘रजत जयंती’ के अवसर पर 24 से 26 जुलाई तक करगिल जिले के द्रास में भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

कारगिल युद्ध में गढ़वाल राइफल के 19 जवान, कुमाऊं रेजीमेंट के 12, गोरखा राइफल्स 9, इंजीनियिरंग के 3, महार रेजीमेंट 2, गार्ड रेजीमेंट 1, पैरा रेजिमेंट 1, आरआर 3, राजपूताना राइफल्स 1, एयरफोर्स 1, रेजिमेंट लद्दाख स्काउट 1  शहीद हुए। शहीद होने वाले जवानों में पौड़ी जिले से 3, पिथौरागढ़ से 4 रुद्रप्रयाग 3, टिहरी 11, ऊधमसिंह नगर 2, उत्तरकाशी 1, देहरादून 14, अल्मोड़ा 3, बागेश्वर 3, चमोली 7, लैंसडौन 10, नैनीताल के 5 जवान शहीद हुए थे। गढ़वाल राइफल्स के 47 जवान शहीद हुए थे। जिनमें 41 जांबाज उत्तराखंड के ही थे। कुमाऊं रेजीमेंट के भी 16 जांबाज ने अपने प्राण न्यौछावर किये। उत्तराखंड के जवानों को 15 सेना मेडल, 2 महावीर चक्र, 9 वीर चक्र, 11 मेंशन इन डिस्पैच मिले।

शहीदों के परिवारों को दी जाने वाली राशि बढ़ाकर की 50 लाख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने शहीद परिवारों के लिए दो घोषणाएं की। सीएम धामी ने वीर बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद शहीदों के परिवारों के लिए घोषणा करते हुए कहा कि शहीदों के परिवारों को दी जाने वाली राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख की जाएगी। सीएम धामी ने कहा कि अब शहीदों के परिवार दो साल की जगह पांच साल तक सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि “शहीदों के आश्रितों को अभी तक जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ग और घ के पद रिक्त होने पर ही नियुक्ति मिलती थी, लेकिन अब अन्य विभागों में भी उक्त समूह के पदों पर रिक्तियां दी जाएंगी। सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों के समतुल्य अवकाश दिया जाएगा।