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देहरादून : उत्तराखंड राज्य की क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) ने एक बार फिर से दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक काशी सिंह ऐरी पर भरोसा जताया गया। शनिवार को राजधानी देहरादून में आयोजित उत्तराखंड क्रांति दल के 20वें द्विवार्षिक अधिवेशन में उन्हें सर्वसम्मति से दल का केन्द्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। ऐरी इससे पहले 1993 से 95 तक और 2013 से 15 तक यूकेडी के अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐरी से पहले दिवाकर भट्ट UKD के केंद्रीय अध्यक्ष थे। माना जा रहा था की इस बार यूकेडी भी किसी युवा चेहरे को तरजीह दे सकती है परंतु ऐसा हुआ नहीं और यूकेडी ने एक बार फिर से बुजुर्ग नेता काशी सिंह ऐरी पर ही भरोसा जताया है।

द्विवार्षिक अधिवेशन की शुरुआत दल के वरिष्ठ नेता दिवाकर भट्ट, काशी सिंह ऐरी, त्रिवेंद्र सिंह पंवार, नारायण सिंह जंतवाल, पुष्पेश त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर की। इसके बाद इंद्रमणि बडोनी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए। दो सत्रों में कार्यक्रम चला। प्रथम सत्र में वरिष्ठ नेता व पूर्व अध्यक्ष बीडी रतूड़ी ने दल की मजबूती के लिए सामूहिक प्रयास व जिम्मेदारी पर जोर दिया। कहा कि वर्तमान में दल के सामने प्रदेश को बचाने की जो चुनौतियां हैं। पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि संगठन को गाँव तक मजबूत करना होगा। तभी सफलता मिल सकती है। प्रथम सत्र में दल की ओर से द्विवार्षिक रिपोर्ट सदन में रखने के पश्चात विभिन्न जिलो से आये जिलाध्यक्षों ने जनपद की रिपोर्ट सदन में रखी व दल की मजबूती के लिये कार्य करने का संकल्प लिया।

राजनीतिक प्रस्ताव में गैरसैंण को स्थाई घोषित करने, मूल निवास को सन 1950 से लागू करने, राज्य के मूल निवासियों को 70 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, राज्य आन्दोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देना, सख्त भू-कानून लागू करने, पर्यटन और तीर्थाटन को उद्योग का दर्जा देने, समूह ग की भर्ती लोक स्व आयोग की परिधि से बाहर किया जाने, पुलिस ग्रेड पे की प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ किया जाने सहित 18 राजनीतिक प्रस्ताव पास किये गये।

वहीँ इस मौके पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष ऐरी कहा कि जो गलतियां अभी तक हुई है उन गलतियों को दोहराया नहीं जायेगा। प्रत्येक को जबाबदेह होना पड़ेगा। प्रत्येक पदाधिकारी का आंकलन उसके कार्यो के अनुसार किया जायेगा। मूलरूप से पिथोरागढ़ जनपद के धारचूला निवासी काशी सिंह ऐरी उत्तराखंड क्रांति दल के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। काशी सिंह ऐरी उत्तर प्रदेश के समय में 3 बार विधायक रहे और उत्तराखंड बनने के बाद भी पहली विधानसभा में विधायक चुने गए। वह पहली बार विधायक सन 1985 में चुनें गए। जिसके बाद वह 1989 और 1993 में भी उत्तर प्रदेश में विधायक रहे। जिसमें उन्होंने उत्तराखंड क्रांति दल का उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया। अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वह राज्य की पहली विधानसभा में भी 2002 से 2007 तक विधायक रहे।

बता दें कि उत्तराखंड क्रांति दल का गठन ही अलग राज्य की अवधारणा के साथ हुआ था, परन्तु जब उत्तराखंड अलग राज्य बन गया तो यह दल नेताओं की आपसी खींचतान और महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़ गया। मौजूदा दौर में जिस तरह कई राज्यों में क्षेत्रीय दल अहम भूमिका निभा रहे हैं वहीँ UKD अपना वजूद बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। अब जबकि विधानसभा चुनाव निकट हैं तो UKD के नेता एक बार फिर सक्रिय हुए हैं। संस्थापक सदस्य और पूर्व विधायक काशी सिंह ऐरी को दल की कमान सौंप कर UKD ने अपनी चुनावी तैयारियों का आगाज कर दिया है। अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि उत्तराखंड क्रांति दल में एकजुटता अगर कायम होती है तो आगामी विधानसभा चुनाव में जनमत को अपने पक्ष में मोडने में उसे कितनी कामयाबी मिल पाती है।