कल्जीखाल : पौड़ी गढ़वाल के विकासखण्ड कल्जीखाल के अंतर्गत मनियारस्यूं पट्टी के सिद्धपीठ थानेश्वर महादेव मंदिर में लगने वाला प्रसिद्ध बैकुंठ चतुर्दर्शी मेला इस बार 6 नवंबर रविवार को आयोजित किया जाएगा। मेले को लेकर मंदिर समिति ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष जगमोहन डांगी ने बताया कि भगवान भोले शंकर के प्राचीन सिद्धपीठ थानेश्वर महादेव मंदिर की महिमा एवं विशिष्टता वही है जो श्रीनगर के कमलेश्वर महादेव की है। यहाँ लगने वाला बैकुंठ चतुदर्शी मेला, क्षेत्र के पौराणिक मेलो में शामिल हैं। इस मेले में रात्रि जागरण, मंडाण, भजन-कीर्तन, डौंर थाली नृत्य रातभर चलता है। मेला का मुख्य आयोजन निसंतान दम्पतियों द्वारा किया जाने वाला “खड़ दीया“ पूजा अनुष्ठान होता है। इस बार “खड़ दीया“ पूजा 6 नवंबर की रात्रि को होगी।
खड़ा दिया अनुष्ठान के लिए अभी तक मंदिर समिति के पास 6 दंपतियों द्वारा अपना पंजीकृत किया गया है। जो कोटद्वार, चंडीगढ़, द्वारीखाल एवं स्थानीय क्षेत्र से हैं। मेले के अंतिम समय तक पंजीकृत संख्या में वृद्धि हो सकती है। मेले में रात्रि पांडव लीला के लिए ढोल सागर के विशेष ज्ञाता सुखदेव दास और उनके सहयोगी तपेश्वरदास होंगे। वही भजन कीर्तन में रुड़की से नव दुर्गा कीर्तन मंडली विशेष तौर पर अपने भजनों की प्रस्तुतियां देगी। गत वर्षो की भांति डौंर थाली पर पंडित ज्वालपा प्रसाद थपलियाल एवं कुशाल सिंह होंगे।
मेले में मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल होंगी। विशेष अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शांति देवी एवं अति विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य गढ़कोट संजय डबराल (मिंटू) होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत थनुल कैप्टन नरेन्द्र सिंह नेगी करेंगे। मेले की रात्रि में श्रद्धालुओं लिए विशाल भंडारे का आयोजन ग्राम किसमोलिया निवासी रमेश नयाल द्वारा किया जाएगा। इगास और स्थानीय बैकुंठ चतुर्दशी मेले में ग्राम थनुल एवं आसपास गांव में बड़ी संख्या में प्रवासी पहुंचने शुरू हो गए हैं। यह जानकारी मंदिर समिति के अध्यक्ष जगमोहन डांगी ने दी है।
जगमोहन डांगी