पौड़ी: प्रदेश में चल रहे मूल निवास भू कानून आंदोलन को तेजी देने के उद्देश्य से मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने पौड़ी जिले के प्रभारी के रूप में कुलदीप गुसाईं को नियुक्त किया है।

मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि सरकार जनता की मांग को लगातार अनसुना कर रही है जो की जनता के विश्वास के साथ छलावा है कहा कि मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति जनता की भावनाओं के अनुरूप प्रदेशव्यापी आंदोलन करती रहेगी और आंदोलन को और भी तेजी देने के उद्देश्य से पौड़ी जिले के प्रभारी के रूप में कुलदीप गुसाईं को नियुक्त किया गया है।

मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के सह संयोजक लुशून टोडरिया ने कहा कुलदीप गुसाईं निश्चित ही समन्वय संघर्ष समिति के अनुरूप पौड़ी जिले में आंदोलन को तेजी देंगे।

वहीं नवनियुक्त जिला प्रभारी कुलदीप गुसाईं ने कहा पौड़ी जिला उत्तराखंड राज्य आंदोलन की जननी रहा है और मूल निवास भू कानून को लेकर यहां की जनता निश्चित ही आंदोलन को तेजी देने का काम करेगी। कहा की जल्द ही पौड़ी जिले में स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया जाएगा।

क्यों जरूरी है मूल निवास 1950

  • हमारी जमीनें बाहरी व्यक्ति नहीं खरीद पायेगा ।
  • सरकारी और प्राइवेट नौकरियों पर पहला अधिकार मूल निवासियों का होगा ।
  • विश्विद्यालय और कॉलेजों में मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित अन्य कोर्सों की पढ़ाई के लिए मूल निवासियों को प्राथमिकता मिलेगी ।
  • सभी तरह के संसाधनों पर मूल निवासियों का पहला हक होगा ।
  • फर्जी स्थाई निवास बनाने वालों की पहचान होगी ।
  • उत्तराखंड की संस्कृति और अस्मिता बची रहेगी ।
  • मूल निवासी अल्पसंख्यक होने से बच जायेंगे ।
  • स्कूल-कॉलेज या सरकारी नौकरी में क्षेत्रीयता आधारित आरक्षणों का लाभ मिलेगा ।
  • छात्रवृत्ति योजना, शैक्षणिक संस्थानों में फीस माफ या फीस में छूट के लिए लाभ मिलेगा ।
  • बाहरी लोग मूल निवासियों का उत्पीड़न नहीं कर पाएंगे ।
  • उत्तराखंड में गुंडे-बदमाश नहीं पनप पाएंगे और यहां के मूल निवासी खुली हवा में सांस ले पायेंगे ।