देहरादून: कूर्मांचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दीपावली उत्सव के आगमन पर ऐपण कलात्मकता और मांगल गीत प्रस्तुति कार्यक्रम का आयोजन आज कूर्मांचल भवन में किया गया। इस अवसर पर परिषद की विभिन्न शाखाओं की महिलाओं और बच्चों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय अध्यक्ष कमल रजवार ने कूर्मांचल भवन स्थित दुर्गा मंदिर में दीप प्रज्वलन कर किया। इसके बाद सबसे पहले सभी महिलाओं द्वारा लकड़ी के बोर्ड पर गेरू लगाया और चावल के बिस्वार से विभिन्न ऐपण चौकियां हाथों की उंगलियों के पोरों से उकेरी गई। लक्ष्मी चौकी, आचार्य चौकी, नौ बिंदु स्वास्तिक, शिव पीठ, सूर्य चौकी, धूलि अर्घ्य चौकी, जनेऊ चौकी, आदि पौराणिक गेरू बिस्वार ऐपण के साथ पुष्पा परिहार, भावना पाण्डेय, मोहिनी कन्याल, प्रेम तिवारी, विमला मेहरा, गीता बिष्ट, विनीता चंद, पुष्प भट्ट, कमला पोखरिया, तारा ऊपरारी, पुष्पा धामी, कमला रावत, पुष्पा कैड़ा, गीता तिवारी, प्रेम पाण्डेय, विमला कार्की, कुंती रावत, उमा बिष्ट, मधु नेगी, सविता भट्ट, कमला उप्रेती, विमला बिष्ट, शशि जोशी, नीति भट्ट, आशा जोशी, रेनू शर्मा, मीरा ऐथानी से लेकर 120 महिलाओं और आधुनिक फैब्रिक पेंट जिसमें बच्चों में तनुजा तिवारी, लतिका तिवारी, राधिका भंडारी, नेहा सती, भावना जोशी, सीमा पाटनी, हिमानी चौधरी, बीना बिष्ट, कोमल ध्यानी, पूजा उप्रेती, प्रियंका जोशी, मधु राणा, नेहा पाण्डेय आदि के द्वारा कपड़े पर सभी महिलाओं और बच्चों द्वारा ऐपण बनाए गए।
कार्यक्रम के दौरान पूरे भवन में मांगल गीतों की मधुर ध्वनियाँ गूंज उठीं — “शकुना दे शकुना…”, “जय जय गणपति जय हे रम्भ…”, समाए बधाईए न्यूतिये….. गणपति नाइल धोइले……के साथ झोड़ा खोली दे माता खोल भवानी और उत्तराखंड देवों की निशानी आदि गाए गए। सभी महिलाओं ने सामूहिक कार्यक्रम किया।
केंद्रीय सांस्कृतिक सचिव बबीता साह लोहनी ने बताया कि “कुमाऊँ में दीपावली ऐपण के बिना अधूरी मानी जाती है। गेरू-बिस्वार से सजे ऐपण हमारे घरों की देली को पीढ़ियों से सजाते आ रहे हैं। आज सीमेंट के घरों में पेंट और ऐपण स्टीकरों के माध्यम से यह परंपरा जीवित है।”
कार्यक्रम में केंद्रीय अध्यक्ष कमल रजवार, महासचिव गोविंद पांडेय, विजय बिष्ट, वीरू बिष्ट, गंभीर सिंह रावत, दिनेश तिवारी, हरीश सनवाल, संतोष जोशी, भारती पाण्डेय, प्रेमा तिवारी, हंसा धामी, शर्मिष्ठा,कांता बिष्ट, पुष्पा जोशी, वैशाली रावत, गंगा बिष्ट, कौशल्या देवी, दीपा शर्मा, कमला जोशी आदि उपस्थित रहे।
सभी कलाकारों को दीया और मोमबत्ती उपहार स्वरूप कौलागढ़ की पार्षद देवकी नौटियाल और भारती पांडेय द्वारा भेंट किए गए। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और परंपरा को सहेजने का संकल्प लिया।