Asian Fencing Championship: उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है। उत्तराखंड की बेटी खेल जगत में पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है। साधारण परिवार की बेटी कुसुम का उज्बेकिस्तान के ताशकंद में होने वाली जूनियर एशियन और कैडेट फेंसिंग चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में चयन हुआ है। हालाँकि वर्तमान में कुसुम का परिवार चंडीगढ़ में रहता है। उसके पिता कुक हैं। कुसम को एशियन चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में चंडीगढ़ से शामिल किया गया है। मूलरूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत ग्राम पंचायत नैनोली के पचेल गांव निवासी मनोरथ उपाध्याय की पोती और खष्टी बल्लभ उपाध्याय की प्रतिभाशाली पुत्री कुमारी कुसुम भारत की ओर से खेलने वाली और चंडीगढ़ को रिप्रेजेंट करने वाली एकमात्र खिलाड़ी बनी हैं। कुसुम 25 फरवरी को ताशकंद के लिए रवाना होगी।
कुसुम के पिता खष्टी बल्लभ आजीवका के लिये उत्तराखंड से चंडीगढ़ आये और कुक के तौर पर काम करना स्वीकारा। खष्टी की दोनों बेटियां खेल के मैदान में अपना नाम रोशन करना चाहती थी मगर कोचिंग व अन्य खर्चों की भरपाई नही कर पाने से बड़ी बेटी का सपना अधूरा रह गया। बड़ी बहन, पिता व कोच के सहयोग से ही अब छोटी बेटी कुसुम उस सपने को पूरा करने जा रही है। इसके लिए पिता ने कर्ज लेकर कुसुम को मैदान में उतारा है। अब कुसुम ने ताशकंद में होने वाली जूनियर एशियन और कैडेट फेंसिंग चैंपियनशिप में चयनित होकर अपनी बड़ी बहन का सपना साकार कर दिया है।
बीए-3 ईयर की स्टूडेंट हाल निवासी चंडीगढ़ की कुसुम ने फेंसिंग की शुरुआत 13 साल की उम्र में की थी। उनके यहां तक के सफर में उनकी बहन नेहा का बड़ा सपोर्ट रहा है। कुसुम ने कहा कि दीदी पेंसिंग करती थीं और उन्हीं की वजह से मैंने ये गेम शुरू किया। वे नेशनल लेवल पर खेलना चाहती थीं लेकिन संसाधनों की तंगी के कारण नही खेल पायी, मगर अब उनका सहयोग मुझे मिला और उनके प्रोत्साहन और कोच चरणजीत की वजह से मैं यहां तक पहुंच सकी हूँ इसका श्रेय उसने उन्हें दिया है।
कुसम अब तक की उपलब्धियां
- इंटर स्कूल टूर्नामेंट- 05
- गोल्ड, 01 सिल्वर, 01 ब्रॉन्ज
- स्कूल नेशनल टूर्नामेंट 01 सिल्वर
- कैडेट नेशनल टूर्नामेंट 01 ब्रॉन्ज
- जूनियर नेशनल टूर्नामेंट, 01 ब्रॉन्ज मेडल – इंटर कॉलेज टूर्नामेंट- 01 सिल्चर, 02 ग्रॉन्ज मेडल
- सीनियर नेशनल टूर्नामेंट 01 ब्रॉन्ज
- खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स- 02 गोल्ड 03 विल्बर 02