Landslide in Uttarakhand: उत्तराखंड में इन दिनों मानसून की बारिश लगातार जारी है, जिसके जिसके चलते जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के कारण जगह-जगह पर भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। वहीँ पहाड़ी से मलबा गिरने से सड़कों का संपर्क टूट रहा है, जिससे आम लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
बुधवार को गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी दिल्ली से अपने संसदीय क्षेत्र में हालातों का जायजा लेने के लिए निकले। इसी कड़ी में एक बड़ा हादसा उस समय टल गया जब सांसद अनिल बलूनी और देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हालचाल लेने देवप्रयाग जा रहे थे। जैसे ही अनिल बलूनी का काफिला देवप्रयाग के समीप पहुंचा, अचानक ऊपर से पूरी पहाड़ी का बड़ा हिस्सा भरभरा कर सड़क पर आ गिरा। सांसद अनिल बलूनी और देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी के वाहन भूस्खलन की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए। देखते ही देखते भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर सड़क पर फैल गया। जिसके कारण इस मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई।
गनीमत रही कि पहाड़ी से गिरे मलबे से कोई चोटिल नहीं हुआ। इसके बाद सांसद बलूनी तहसीलदार के वाहन से देवप्रयाग तक पहुंचे। यहां सभी कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद वह प्राइवेट वाहन से देहरादून के लिए रवाना हुए। उनके सरकारी वाहन को निकालने के लिए एनएच की ओर से मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया था।
बता दें कि देवप्रयाग क्षेत्र में बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से पहाड़ियां कमजोर हो चुकी हैं। जिसके कारण हर समय भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। मौसम विभाग ने 18 सितंबर को राज्य के सभी जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। इन जिलों में पौड़ी, नैनीताल, देहरादून, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत में बारिश का अलर्ट है। 19 सितंबर और 20 सितंबर को भी बारिश का यही पैटर्न रहने का अनुमान है।
इस घटना के बाद सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड में इस वर्ष आई भीषण अतिवृष्टि और भूस्खलन ने इतने गहरे घाव दिए हैं, जिन्हें भरने में बहुत समय लगेगा। कल शाम आपदा प्रभावित क्षेत्र में भूस्खलन का एक भयावह दृश्य आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं। यह दृश्य स्वयं बता रहा है कि हमारा उत्तराखंड इस समय कितनी भीषण प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा कि ‘मैं बाबा केदारनाथ से सभी लोगों के सुरक्षित जीवन, अच्छे स्वास्थ्य एवं खुशहाली की मंगलकामना करता हूं। आपदा की इस घड़ी में जन जन की सेवा में लगे सभी अधिकारियों, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवानों, प्रशासन और कठिन परिस्थितियों में भी सड़कों से मलबा हटाने वाले कर्मचारियों के सेवाभाव की सराहना करता हूं।’
उत्तराखंड में इस वर्ष आई भीषण अतिवृष्टि और भूस्खलन ने इतने गहरे घाव दिए हैं, जिन्हें भरने में बहुत समय लगेगा।
कल शाम आपदा प्रभावित क्षेत्र में भूस्खलन का एक भयावह दृश्य आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं। यह दृश्य स्वयं बता रहा है कि हमारा उत्तराखंड इस समय कितनी भीषण प्राकृतिक आपदा… pic.twitter.com/fdTsXpPsm2
— Anil Baluni (@anil_baluni) September 18, 2025