two policemen died in Chamoli disaster

चमोली आपदा : उत्तराखंड के चमोली जिले में बीते रविवार को आई आपदा के बाद करीब 204 लोग लापता हुए हैं। जिनमे से अब तक 34 के शव बरामद हो चके हैं। जबकि करीब 170 लोगों की तलाश अभी भी जारी है। तपोवन जल विद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे करीब 35 लोगों को निकालने में एक हजार से अधिक बचाव कर्मियों के साथ कई अत्याधुनिक मशीनें लगी हैं। इसके बाद भी आपदा के आगे सारे इंतजाम नाकाफी लग रहे हैं। सुरंग के अंदर की विकट परिस्थिति के चलते 80 घंटे बाद भी अभी तक टनल में लापता लोगों का पता नहीं चल सका है।

इस आपदा में उत्तराखंड पुलिस ने भी अपने दो जांबाजों को खोया है। तपोवन क्षेत्र में भीषण आपदा के दौरान लापता हुए चमोली पुलिस के दो पुलिसकर्मियों के शव बरामद हुए हैं। मरने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान हेड कांस्टेबल मनोज चौधरी और कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया के रूप में हुई। दोनों पुलिसकर्मी तपोवन में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे। रविवार सुबह जब तबाही का सैलाब आया तो ये दोनों पुलिसकर्मी मलबे की चपेट में आ गए। जिससे उनकी मौत हो गई।

मुख्यमंत्री ने तपोवन में भीषण आपदा में मृत हैड कान्स्टेबल मनोज चौधरी और कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया को नमन करते हुए शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। बुधवार को कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया और मंगलवार को हैड कान्स्टेबल मनोज चौधरी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आपदा में मृत्यु का होना बहुत दुखद है। रैणी व तपोवन क्षेत्र में भीषण त्रासदी में सभी मृतकों के प्रति संवदेना प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए आपरेशन पूरी क्षमता के साथ चलाया जा रहा है। सर्च एंड रेस्क्यू के साथ ही आपदा राहत कार्यों की उच्च स्तर से लगतार मॉनिटरिंग की जा रही है।

मंगलवार रात्रि और बुधवार को भी जारी रहा सर्च एंड रेस्क्यू आपरेशन

चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के चौथे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 34 शव मिल गए हैं जबकि 170 लोग अभी लापता हैं। पूर्व में लापता बताए गए ऋषि गंगा कम्पनी के 02 व्यक्ति सुरक्षित अपने आवास पर पाए गए हैं। तपोवन मे टनल मे फंसे लोगो का रेस्क्यू जारी है। यहां पर करीब 25 से 35 लोग टनल मे फंसे है जिनको बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 100, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 04 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं।

स्टैंडबाई के तौर पर आईबीपी के 400, आर्मी के 220 जवान, स्वास्थ्य विभाग की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 39 फायरमैन रखे गए हैं। आर्मी के 03 हेलीकाप्टर जोशीमठ में रखे गए हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।