LEOPARD-killed-beby

देवप्रयाग : टिहरी जनपद के देवप्रयाग नगर क्षेत्र में शनिवार रात गुलदार (तेंदुए) ने विक्षिप्त युवक को निवाला बना डाला। युवक का शव आज सुबह झाड़ियों में बीच पड़ा मिला। इस घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग ने घटना स्थल पर पिंजरा लगाने के साथ ही शूटर जॉय हुकिल को भी तैनात कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक देवप्रयाग के डाक बंगला रोड पर सड़क किनारे सो रहे विक्षिप्त युवक पर गुलदार ने शनिवार देर रात हमला कर अपना शिकार बना डाला। घटना की जानकारी आज सुबह छह बजे पास के मकान में रहने वाले व्यक्ति को तब हुई जब उसने सड़क पर खून, चप्पल और कपड़े बिखरे देखे। जिसके बाद उसने आसपास के लोगों व पुलिस को इसकी सूचना दी। सड़क पर गिरे खून व घसीटने के निशानों का पीछा करते पुलिस को करीब 20 मीटर ऊपर झाड़ियों में युवक का अधखाया क्षत-विक्षत हालात में मिला।  सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम को स्थानीय लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। आक्रोशित लोग नरभक्षी गुलदार को तत्काल मारे जाने के लिए क्षेत्र शूटर तैनात करने के बाद ही शव उठाने पर अड़ गये। जिसके बाद वन विभाग ने घटना स्थल के आसपास पिंजरा लगवा दिया गया। मौके पर पहुंचे रेंजर मणिकनाथ रेंज देवेन्द्र पुण्डीर व शूटर जॉय हुकिल ने घटनास्थल का जायजा लिया। रेंजर देवेन्द्र पुंडीर ने बताया कि डीएफओ को घटना की जानकारी दी गयी है।

बतादें कि इस क्षेत्र में (देवप्रयाग से कीर्तिनगर तक)) पिछले कई दिनों से गुलदार का आतंक छाया हुआ है। इससे पहले 8 अगस्त को मलेथा गाँव में आदमखोर तेंदुए ने घर के बरामदे में सो रही 31 वर्षीय युवती को अपना शिकार बना दिया था। जिसका शव लोगों को घर से कुछ दूर खेतों में मिला। इस घटना के दो दिन बाद ही 10 अगस्त को तेंदुए ने नजदीकी बडोला गांव में भी घर के बरामदे में सो रही 45 वर्षीय महिला पर हमला कर दिया था। हालाँकि महिला के शोर मचाने पर तेंदुआ वहां से भाग गया था। इसी क्षेत्र के फरस्वाड़ी में भी एक बुजुर्ग असाड़ी देवी (68) को गुलदार ने घर में घुसकर घायल कर दिया था। उसके बाद बीते 15 अगस्त को मलेथा गांव के सरकारी स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के दौरान आदमखोर तेंदुए ने स्कूल के अन्दर घुसकर वहां लोगों पर अचानक हमला कर दिया था। तेंदुए के हमले में वन दरोगा सहित चार लोग जख्मी हो गए थे। हालाँकि उक्त घटनाओं के बाद कीर्तिनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मलेथा गांव में वन विभाग की टीम द्वारा एक तेंदुए को पिंजड़े में कैद किया गया था। परन्तु आज की घटना को देखकर लगता है कि इस क्षेत्र में एक नहीं बल्कि कई नरभक्षी गुलदार अभी भी मौजूद हैं।