कल्जीखाल : विकासखण्ड कल्जीखाल के अंतर्गत मां भुवनेश्वरी मंदिर सांगुड़ा-बिलखेत तथा राजराजेश्वरी मंदिर घण्डियाल में मकर संक्रांति पर पौराणिक काल से ही पारम्परिक गेंद मेला आयोजन होता आ रहा है। जिसे स्थानीय भाषा गिंदी का कौथिग भी कहा जाता है। हालाँकि इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते गेंद मेले का आयोजन नहीं हो पाया।
माँ भुवनेश्वरी सांगुड़ा-बिलखेत में हर वर्ष मकर संक्रांति पर लंगूर एवं मनियारस्यूं पट्टियों का गेंद मेले का आयोजन होता है। इस खेल में कोई नियम नही होते हैं, और ना ही कोई समय सीमा होती है, जब तक गेंद दूसरी टीम के पाले में नहीं चली जाती तब तक संघर्ष चलता रहता है। इस बार कोरोना महामारी के चलते गेंद मेला समिति ने मेला आयोजित नही किया। केवल देवी के निशान मंदिर चढ़ाए गए। मंदिर के सहायक पीठाधीश्वर पण्डित नागेंद्र शैलवाल ने बताया कि मां की आस्था के सामने कोरोना भय बेअसर रहा। श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए आते रहे। वहीं घण्डियाल स्थित मां राजराजेश्वरी मन्दिर में भी मेला समिति एवं मन्दिर समिति ने मेला आयोजन नही किया, फिर भी मंदिर के प्रति आस्था रखने वाले देवी के निशान लेकर धारी, देवल, गौरण आदि गांवों के ग्रामीण मंदिर परागण में मकर सक्रांति पर पूजा अर्चना के लिए भारी संख्या पहुंचे। पूजा अर्चना के बाद जल्दी ही मंदिर प्रांगण खाली कर दिया गया। मेले की सुरक्षा व्यवस्था में राजस्व निरीक्षक हरीश चन्द्र पांडे, राजस्व उपनिरिक्षक मनोज डुडेजा, राजस्व उपनिरीक्षक पंकज रावत, बिपिन रावत आदि मौजूद रहे। घण्डियाल मेला आयोजन एवं व्यवस्था सहयोग में गेंद मेला समिति के अध्यक्ष राकेश रावत सचिव संजय रावत बीडीसी सदस्य दीपक रावत व्यापार संघ अध्यक्ष सजंय रावत का विशेष योगदान रहा।