हरिद्वार में शनिवार को हंस फाउंडेशन के संस्थापक मातामंगला जी एवं भोले जी महाराज ने आचार्यपीठ हरिहर आश्रम,कनखल में पूज्य “आचार्यश्री” जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज से शिष्टाचार भेंट एवं आध्यात्मिक संवाद कर लोक-कल्याणार्थ भगवान मृत्युंजय एवं भगवान पारदेश्वर महादेव जी का पूजन-अभिषेक किया।

आचार्यजूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज ने माता मंगला जी एवं भोले महाराज जी का स्वागत करते हुए कहा यह क्षण बहुत ही शुभ क्षण है,दीपावली का शुभ अवसर है। बाह्यंतर पवित्रता,भ्रात-भगिनी सम्बन्धों की एकात्मता व परस्पर-स्नेह प्रगाढ़ता का दिव्य पर्व ‘भैया-दूज’ भी है। ऐसे अवसर पर पारमार्थिक प्रवृत्तियों के लिए लोकख्यात संस्था हंस फाउंडेशन की अध्यक्षा विश्व विख्यात आदरणीया पूज्या मातामंगला माता जी एवं आदरणीय पूज्य भोले जी महाराज आचार्यपीठ हरिहर आश्रम में आए यह निश्चित तौर पर हमारे लिए सौभाग्य के पल है। इसके लिए हम पूज्य मातामंगला जी एवं आदरणीय पूज्य भोले जी महाराज जी का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते है।

इस शुभ अवसर पर मातामंगला जी एवं भोले जी महाराज जी ने पूज्य “आचार्यश्री” जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज जी का अभिवादन करते हुए कहा कि प्रकाश पर्व दीपोत्सव के इस मौके पर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज जी से हमारी यह शिष्टाचार भेंट हुई। इस दौरान स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज जी से आध्यात्मिक एवं लोक-कल्याणार्थ सेवाओं को लेकर विचार-विर्मश हुआ।

मातामंगला जी ने कहा कि सेवा का भाव ही इंसान को जीवन में प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाता है। मनुष्य जीवन को सार्थक बनाने के लिए साधना,सेवा,सत्संग और त्याग के राह पर गम्भीरतापूर्वक चलना चाहिए। इसी राह पर चलते हुए हंस फाउंडेशन निरंतर सेवा कर रहा है। स्वास्थ्य-शिक्षा और तमाम दूसरी सेवाओं के माध्यम से हम राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य कर रहे है। इसमें पूज्य “आचार्यश्री” जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज जी जैसे संतों का मार्ग दर्शन हमें प्राप्त हुआ,यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है।

इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरि जी महाराज व स्वामी कैलाशानन्द गिरि जी महाराज की भी उपस्थिति रही।