श्रीनगर गढ़वाल: बेस चिकित्सालय में विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत सोमवार को एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के बीच स्तनपान सप्ताह पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्रों ने स्तनपान से बच्चे और मां को होने वाले फायदें पोस्टर के माध्यम से बताये। स्तनपान पर छात्रों द्वारा बनाये गये पोस्टरों का निर्णायक टीम द्वारा अवलोकन किया गया। निर्णायक टीम ने एमबीबीएस छात्र शिवाली और शोभा के पोस्टर को प्रथम स्थान दिया। जबकि हिमांशी और अंकाक्षा को द्वितीय तथा श्रेया नौटियाल एवं श्रेया उनियाल ने तृतीय स्थान पोस्टर प्रतियोगिता में मिला।
बेस चिकित्सालय के लेक्चर हॉल आयोजित प्रतियोगिा में एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने पोस्टरों प्रतियोगिता में बढ़चढ़कर प्रतिभाग किया और स्तनपान के तौर-तरीके से लेकर मां और बच्चे को लाभ के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में निणार्यक टीम में गायनी विभाग के एचओडी डॉ. नवज्योति बोरा, एसो.प्रोफेसर बाल रोग डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अस्सि. प्रो. डॉ. सुरेन्द्र सिंह, गायनी विभाग की अस्सि. प्रो. डॉ. दीप्ति शर्मा ने छात्रों द्वारा स्तनपान दिवस पर पोस्टर के माध्यम से बेहतर जानकारी दिये जाने की सराहना की। कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं जहां कार्यक्रम को सफल बनाते है वहीं छात्रों का उक्त विषय पर ज्ञान बढ़ेगा। बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. सीएम शर्मा ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी संकाय सदस्यों का आभार प्रकट करते हुए छात्रों द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर बेहतर पोस्टर प्रदर्शनी बनाने की सराहना की। कहा कि बच्चे की इम्यूनिटी भी माँ के दूध से मजबूत होती है। बच्चे का शरीरिक विकास तेजी से होता है एवं माँ के दूध में मौजूद विटामिन, कैल्शियम आदि बच्चे को शुरुआती 6 महीनों में ही मिलना शुरू हो जाते हैं। इस मौके पर बाल रोग विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंकिता गिरी, एसआर डॉ. मिनाक्षी रावत, जेआर डॉ. संजना, डॉ. रविन्द्र सिंह आदि ने विशेष सहयोग दिया।
शिशु को स्तनपान कराने के लाभ
- बच्चे को डायरिया जैसे रोग की संभावना कम हो जाती है।
- स्तनपान करानो से मां को स्तन केंसर की संभावना कम हो जाती है।
- मां का दूध न मिलने पर बच्चे में कुपोषण व सूखा रोग की संभावना बढ़ जाती है।
- मां के दूध में मौजूद तत्व बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
- स्तनपान कराने से मां व बच्चे के मध्य भावनात्मक लगाव बढ़ता है।
- मां का दूध पीने वाले बच्चे का तेजी से विकास होता है।