कल्जीखाल : पौड़ी जनपद के कल्जीखाल ब्लॉक के अंतर्गत मुण्डनेश्वर स्थित पौराणिक खैरालिंग महादेव मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर आज प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को ज्ञापन सौंपा।
उल्लेखनीय है कि मंडल मुख्यालय पौड़ी से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर असवालस्यूँ पट्टी के अन्तर्गत मुंडनेश्वर में खैरालिंग महादेव का प्राचीन एवं पौराणिक मंदिर है। गढ़वाल के सबसे प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिरों में से एक खैरालिंग मंदिर की कल्जीखाल विकासखंड सहित पूरे गढ़वाल में बड़ी मान्यता है। कहा जाता है कि मुंडनेश्वर महादेव में लगने वाले पौराणिक एवं ऐतिहासिक खैरालिंग मेला की शुरुआत वर्ष 1551 से हुयी थी। तब से प्रतिवर्ष यहाँ दो दिवसीय मेले का आयोजन होता आया है। हालाँकि साल पहली बार कोरोना महामारी के चलते यहाँ मेले का आयोजन नहीं हो सका। एक समय खैरालिंग मेला पशुबलि के लिए प्रसिद्ध था परन्तु समय के साथ समाज में भी बदलाव आया और वर्ष 2010 के बाद उत्तराखंड के अन्य मेलों की तरह इस मेले में भी बलि प्रथा बंद कर दी गई।
हालाँकि प्रचार-प्रसार एवं अन्य सुविधाओं के अभाव में आज भी यह मंदिर प्रदेश, देश-विदेश के शिव भक्तों एवं श्रद्धालुओं की पहुंच से काफी दूर है। इसी को लेकर आज गढ़वाल विवि के पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष, ग्राम थैर निवासी मंजीत रावत ने आज देहरादून में उत्तराखंड सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को ज्ञापन सौंपकर खैरालिंग मंदिर के सौंदर्यरीकरण के साथ-साथ पूरे मंदिर क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की। मंजीत ने ज्ञापन में मंदिर के प्रचार-प्रसार एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में दिक्कते ना हो इसके लिए निम्न जगह साइन बोर्ड लगाने की मांग की।
- पौड़ी मुख्यालय से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए: कंडोलिया में, आदवाणी मुख्य चौराहे में, छजोलीधार चौराहे में, कल्जीखाल बाजार के अंतिम छोर मे, मुंडेश्वर मंदिर के गेट के सामने।
- सतपुली कोटद्वार से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए : पौड़ी-कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग के बौंसाल नामक जगह में, पीपला बैंड में, भेटी मुख्य बाजार में, मुंडेश्वर मुख्य बाजार में।
उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से पर्यटन मंत्री से आग्रह किया कि अगर पर्यटन विभाग इस मंदिर को अपने हाथों में लेता है तो यह मंदिर पर्यटन के नक्शे में भी दिखेगा। देश विदेश के शिव भक्त अपनी श्रद्धा लेकर इस मंदिर में पहुंचेंगे। जिससे कि क्षेत्र का विकास होगा यहां के लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इसके साथ ही 1962 भारत चीन के युद्ध में शहीद हुए असवालस्यूँ पट्टी के ग्राम सभा थैर के वीर चक्र सम्मानित लांस नायक त्रिलोक सिंह नेगी के नाम से पीपला टेका-मिरचोड़ा-थैर-दलमोटा मोटर मार्ग का नाम रखा गया है। पीपला बैंड से यह मोटर मार्ग प्रारंभ होता है। पीपला बैंड में ही शहीद त्रिलोक सिंह के नाम से एक स्मृति द्वार का निर्माण और साइन बोर्ड लगाने की भी मांग की गई।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा उक्त मांगों पर विचार करने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों को फोन कर जल्द से जल्द मांगों का निस्तारण करने के आदेश दे दिए गए।