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पंतनगर: ऑनलाइन विडियो गेम का नशा आजकल बच्चों के दिमाग में इस कदर हावी हो रहा है कि इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। आये दिन खबरों में सुनाई दे रहा है कि मोबाइल में ऑनलाइन विडियो गेम खलेते हुए टास्क पूरा करने के चक्कर में बच्चे अपनी जान तक दे दे रहे हैं। ब्लू व्हेल, पोकेमोन गो, ‘ब्लैक पैंथर’, पब्जी तथा अन्य नामों से आजकल कई ऑनलाइन गेम चल रहे हैं। जिन्हें खेलते हुए टास्क पूरा करना होता है। इनमे से कुछ एक गेम में अंतिम टास्क आत्महत्या होता है। तो किसी में घर छोड़कर भाग जाना होता है। हालाँकि इस तरह के गेम खेलने से हुई घटनाओं के बाद इनमे से कई गेम पर प्रतिबंध भी लग चुका है। परन्तु विडियो गेम बनाने वाले इतने शातिर हैं कि वे इन्ही गेम्स को मॉडिफाई कर अन्य नामों से प्लेस्टोर पर डाल दे रहे हैं।

ऐसे ही एक सनसनीखेज खबर उत्तराखंड के पन्तनगर से सामने आई है। जहाँ एक छात्रा को ऑनलाइन मोबाइल गेम की ऐसी लत लगी कि वह गेम खेलते-खेलते देश के 9 शहरों में बिना रुके 18 दिनों में करीब 3,500 किलोमीटर घूम आई। एक जुलाई को पंतनगर थाना क्षेत्र स्थित झा कॉलोनी निवासी एक लड़की रहस्यमय ढंग से लापता हो गई थी। 18 दिनों की तलाश के बाद पंतनगर थाना पुलिस ने युवती को दिल्ली से बरामद कर लिया है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के पन्तनगर की 10वीं की छात्रा पिछले कुछ महीनों से मोबाइल पर एक ऑनलाइन गेम (टैक्सी ड्राइवर गेम-2) खेल रही थी। उसने बताया कि इस गेम में एक टैक्सी ड्राइवर लगातार सफर करता रहता है। टास्क के हिसाब से उसे एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचना होता है। इस दौरान ड्राइवर को कई तरह के टास्क पूरे करने होते हैं, जिनमें तय समय के भीतर एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचना होता है। छात्रा के दिमाग पर यह गेम पूरी तरह हावी हो गया कि उसने भी टैक्सी ड्राइवर की तरह एक से दूसरे शहर जाने का मन बना लिया। और इस तरह वह घरवालों को बिना बताये घूमने का टास्क पूरा करने के लिए एक शहर से दूसरे शहर निकल गई।

19 दिन बाद घर लौटी छात्रा ने बताया कि पिछले 18 दिनों में वह कहाँ-कहाँ गई।

शुक्रवार को 19 दिन बाद पंतनगर में परिजनों के साथ बैठी दसवीं की छात्रा ने बताया कि वह घर से पैसे लेकर गेम खेलते हुए शहर-शहर घूमने निकली। घर से निकते ही वह किच्छा पहुंची और वहां से बरेली होते हुये लखनऊ पहुंच गई। लखनऊ से वह ऋषिकेश, जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, अहमदाबाद, पुणे तक जा पहुंची। पुणे से वह फिर दिल्ली लौट आयी। इस दौरान छात्रा लगातार सफर करती रही किसी भी रुकी नहीं। वह लगातार एक से दूसरी गाड़ी में सफर करती रही। छात्रा के अनुसार उसने यह सफर अलग-अलग बसों में पूरा किया। इस दौरान वह बस में ही सफर करते हुये सो जाया करती थी। जहां बस रुकती, वहां खाना खा लेती थी। तय शहर में पहुंचकर बस से उतरते ही वह फिर अगले शहर के लिये बस पकड़ लेती थी। इस बीच कुछ शहरों में उसने ट्रेन से भी सफर किया।

ऐसे पकड़ी गई अकेली घूमती हुई छात्रा

पुलिस द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के कमलानगर में बुधवार देर रात छात्रा एक रिक्शा पर अकेली जा रही थी। इस दौरान पुलिस ने उसे रोका। पूछताछ की तो वह रोने लगी और बताया कि वह घर में बिना बताये निकल आयी है। दिल्ली पुलिस ने पंतनगर पुलिस से संपर्क कर नाबालिग छात्रा की जानकारी दी। जिसके बाद पंतनगर पुलिस ने दिल्ली पहुँचकर लड़की को उसके परिजनों के सुपुर्द किया।