landslide in Toli village of Tehri garhwal

Landslide in Tehri: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचाई हुई है। भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में नदियां उफान पर हैं। तो वहीँ भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। भूस्खलन का मामला टिहरी गढ़वाल से सामने आया है। टिहरी गढ़वाल में कल देर रात से अब तक दो बार भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं। जिनमें दो लोंगो की मौत हो गयी है, जबकि कई मकान जमींदोज हो गए हैं।

टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के तोली गांव में देर रात भूस्खलन की चपेट में आए एक मकान के अंदर मां और बेटी दब गईं। जिससे दोनों की मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्यों ने देर रात किसी तरह बाहर भाग कर जान बचाई। तोली गांव के ग्राम प्रधान रमेश जिरवाड़ ने बताया कि रात को दो ढाई बजे क्षेत्र में जमकर बारिश हुई। इसी दौरान वीरेंद्र लाल का मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। मकान के पीछे से हुए भूस्खलन में दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। घर के अंदर सो रही वीरेंद्र लाल की पत्नी सरिता देवी 36 वर्ष और उसकी बेटी अंकिता 15 साल अंदर मलबे में दब गई है।SDRF द्वारा किये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मलबे में दबी माँ-बेटी, सरिता देवी पत्नी वीरेंद्र सिंह, उम्र 40 वर्ष अंकिता, उम्र 15 वर्ष, ग्राम तोली के शव मलवे से बरामद कर जिला पुलिस के सुपुर्द किया गया। सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा द्वारा भारी बारिश की दृष्टिगत SDRF टीम को बूढ़ा केदार क्षेत्र में ही कैंप करने के लिए निर्देशित किया गया है।

इसीबीच आज एक बार फिर भिलंगना ब्लॉक के तिनगढ़ गांव में भूस्खलन हुआ। आज तोलीगांव के सामने तिनगढ़ गांव के ऊपर पहाड़ी से भयंकर लैंडस्लाइड हुआ। भूस्खलन की जद में 15 मकान आये हैं। हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। जिला प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए तिनगढ़ गांव के इन घरों को सुबह ही खाली करा लिया था, जिसके कारण कोई हताहत नहीं हुआ। ग्रामीणों को विनकखाल इंटर कॉलेज में शिफ्ट किया गया है।

बता दें तोलीगांव में सुबह मलबा घुसने से दो लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर आपदाग्रस्त इलाके का निरीक्षण किया। इसके बाद जिलाधिकारी ने मृतकों के परिजन को राहत राशि के चैक सौंपे थे। आपदा की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन के साथ ही संबंधित सभी विभागों को अधिकारी मौके पर हैं।

इलाके के हालातों को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह ने ग्रामीणों के तोली और तिनगढ़ के विस्थापन की मांग की है। विस्थापन को लेकर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी। क्षेत्र में हुई बारिश के कारण जन हानि के साथ साथ ग्रामीणों के मवेशी भी हताहत हुए हैं। जिसमें जखाणा, तोली में ऊषा देवी की दो भैंस, दो बछिया एक गाय, सात बकरी, गंगा सिंह के तीन भैंस दो बछिया दो बैल, दो कुत्ता, हर्षलाल के दो गाय मलबे में दब गई हैं। बूढ़ा केदार क्षेत्र में ग्रामीण पींगल दास के चार मवेशी मलबे में दब गई हैं। साथ ही विनोद प्रसाद के एक गौशाला दब गई है।

केदारनाथ हाईवे पर लगातार हो रहा भूस्खलन:

रुद्रप्रयाग जनपद की केदारघाटी में शुक्रवार रात जमकर बारिश से केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। सबसे ज्यादा दिक्कत हाईवे के सोनप्रयाग में हो रही है। सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच केदारनाथ हाईवे का एक बहुत बड़ा हिस्सा रात को ही सोन नदी में समा गया। सोन नदी उफान में बह रही है। फिलहाल नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है।

गंगोत्री में गंगा नदी का बढ़ा जलस्तर

गंगोत्री धाम में भागीरथी (गंगा) का जलस्तर दूसरे दिन भी बढ़ा। वहीं शिवानंद आश्रम से नदी का बहाव मंदिर परिसर क्षेत्र की ओर हो गया, हालांकि अभी किसी तरह के बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। लेकिन शिवानंद आश्रम गंगोत्री का मार्ग क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। गंगोत्री धाम पर भागीरथी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं को नदी के आस पास जाने से रोका जा रहा है। गंगा पुरोहित सभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से गंगा पुरोहित सभा कार्यालय व रिकार्ड रूम को खाली करा लिया गया है। बताया कि गंगा के बढ़े हुए जलस्तर से दोनों किनारों पर आवासीय निर्माण को खतरा बना है। भागीरथी शिला सहित गंगा आरती स्थल करीब 5 से 6 फीट तक जलमग्न हो गये हैं।

मसूरी में पुश्ते की चपेट में आई झोपड़ी

मसूरी में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मसूरी काले स्कूल के पास होटल स्काईलार्क के सामने भारी भूस्खलन के बाद पहाड़ी का पुश्ता गिरने से एक झुग्गी उसकी चपेट में आ गई और पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं उसमें रह रहे तीन महिला दो बच्चे और दो पुरुष बाल बाल बच गए। झुग्गी में रखा सारा सामान नष्ट हो गया है। पुश्ता गिरने से पहले झुग्गी में रह रहे लोग वहां से भाग गए, नहीं तो जनहानि हो सकती थी। मसूरी पुलिस फायर सर्विस मौके पर पहुंची और झुग्गी में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया। सुबह लोक निर्माण विभाग के द्वारा सड़क पर आए मालबे को जेसीबी के माध्यम से हटाकर यातायात के लिए सुचारु किया गया।