नैनीताल: नैनीताल जिले में फिलहाल जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव परिणाम रोक दिया गया है। कड़ी सुरक्षा और वीडियोग्राफिंग के बीच देर रात तक चली मतगणना के बाद निर्वाचन अधिकारियों ने पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट तैयार कर चुनाव आयोग को भेज दी है। साथ ही चुनाव परिणाम को सील बंद लिफाफे में हाईकोर्ट कोर्ट के निर्देशों के अधीन रखा गया है। इस बारे में नैनीताल की जिला निर्वाचन अधिकारी वंदना सिंह ने विस्तार से बताया।

डीएम ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के तहत 22 जिला पंचायत सदस्यों के वोटों की गिनती की गई। नियमावली में री-पोलिंग का प्रावधान न होने के कारण सीधे काउंटिंग हुई। केवल बूथ कैप्चरिंग, तकनीकी खामी या बैलेट बॉक्स को नुकसान होने पर ही री-पोलिंग हो सकती है। चुनाव परिणाम सील्ड लिफाफे में रखा गया है, जिसे 18 अगस्त को हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी वंदना सिंह के मुताबिक नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की जांच रिपोर्ट अभी एसएसपी की तरफ से नहीं दी गई है। क्योंकि हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद मतदान का पूरा प्रक्रिया रुकी गई थी। इसके अलावा शाम को पांच बजे आयोग की तरह के वोटिंग की जो समय दिया गया था, वो भी पूरा हो गया था। इसीलिए आयोग को एक रिपोर्ट भेजी गई थी, ताकि आयोग से कोई दिशा-निर्देश मिल सके। क्योंकि नियमावली में इसके संबंध में कोई भी प्रावधान नहीं है। आयोग को पूरे मामले की जानकारी के साथ ही हाईकोर्ट को निर्देशों के बारे में बताया गया। इसके बाद आयोग की तरफ से दिशा-निर्देश दिए थे।

आयोग की तरफ से कहा गया है कि डीईओ (जिला निर्वाचन अधिकारी) प्रावधान के अनुसार अपना काम करें। उसी हिसाब से डीईओ को निर्णय ले। नियमावली के हिसाब से डीईओ को मतदान स्थगित करने या फिर रद्द करने का अधिकार नहीं है। नियमावली में मतदान के तुरंत बाद मतगणना करने का नियम है। ऐसे में आयोग की तरफ से नियमावली अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए थे। इसीलिए डीईओ ने वीडियोग्राफी कराते हुए मतगणना कराई है, लेकिन परिणाम घोषित नहीं किए है।

जिलाधिकारी ने बताया कि 18 अगस्त को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई है, वहीं पर पूरी रिपोर्ट समिट की जाएगी। उसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट जो भी आदेश देगा, उसी के हिसाब से परिणामों की घोषणा की जाएगी। यदि कोर्ट कहेगा तो। जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में चुनाव परिणाम और सभी दस्तावेज सील है, जिन्हें डबल लॉक में रखा गया है। प्रत्याशियों को भी इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई है। वहीं जिन पांच सदस्यों ने अब तक मतदान नहीं किया है, क्या उन्हें चुनाव प्रक्रिया में शामिल करना है या नहीं, इस सवाल के जवाब में जिलाधिकारी ने कहा कि कोर्ट में सुनवाई के बाद ही चुनाव परिणाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी। वहीं एसएसपी की रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है।

कल हुआ था जमकर बवाल

बता दें कि कल 14 अगस्त गुरुवार को नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान शहर में जमकर हंगामा हुआ था। बीजेपी और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर जिला पंचायत सदस्यों यानी वोटरों को गायब करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट भी गई थी। कोर्ट ने चुनाव को स्थगित करने का आदेश दिया था, लेकिन जिलाधिकारी का कहना है कि उन्होंने मतदान के बाद मतगणना भी कराई है, लेकिन परिणाम घोषित नहीं किया है, वो कोर्ट का आदेश पर किया जाएगा। नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा से दीपा दरमवाल और कांग्रेस से पुष्पा नेगी चुनाव मैदान में थीं। प्रशासन की ओर से बुधवार को जिला पंचायत कार्यालय के पांच सौ मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर बैरिकेडिंग कर दी गई। नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सुबह 10 बजे मतदान शुरू हो गया। मतदान के लिए कुछ जिला पंचायत प्रत्याशी कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक सुमित हृयदेश व पूर्व विधायक संजीव आर्य के साथ जू रोड से जिला पंचायत कार्यालय की ओर निकले ही थे कि अचानक रंग-बिरंगी बरसाती पहने लगभग 10 से 12 अज्ञात लोगों ने जिला पंचायत सदस्यों को रोककर मारपीट शुरू कर दी। इससे पहले जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेसी कुछ समझ पाते अज्ञातों ने जिला पंचायत सदस्यों को पकड़कर खीचना शुरू कर दिया। इस दौरान बीच-बचाव कर रहे कांग्रेसियों के साथ भी अज्ञातों ने धक्कामुक्की की। देखते ही देखते अज्ञातों ने सदस्यों को खींचते हुए लगभग 100 मीटर तक सड़क पर घसीटा और मॉलरोड पर पार्क वाहन में डालकर सदस्यों को अगवा कर लिया। अपहरण की घटना के बाद कांग्रेसी नेताओं ने हंगामा कर भाजपा और पुलिस पर आरोप लगाते हुए चुनाव का बहिष्कार कर दिया। 12 लोगों के वोट डालने के बाद जिला पंचायत कार्यालय में मतदान रुक गया। घटना से गुस्साए कांग्रेसी लगभग 11:30 बजे न्याय की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट के आदेश पर लगभग डेढ़ बजे पुलिस सुरक्षा के साथ कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी समेत 10 जिला पंचायत सदस्यों को मतदान कराया गया। पर पुलिस अपहरण हुए पांच सदस्यों का पता नहीं लगा पाई। शाम को हाईकोर्ट में डीएम ने बताया कि वह चुनाव आयोग को चुनाव कराने के लिए इसका प्रस्ताव भेजेंगी। वहीं, एसआई सतीश उपाध्याय की ओर से दी शिकायत में कहा गया है कि चुनाव के दौरान जिला पंचायत परिसर के समीप सड़क पर दो तीन वाहनों से कुछ लोग आए। इन्हें रोककर बताया कि जिला पंचायत की ओर केवल सदस्य ही अपना प्रमाण पत्र और आधार कार्ड दिखाकर जा सकते हैं। इस दौरान मौके पर मौजूद दोनों पक्षों में विवाद हो गया। इन्हें हटाने का प्रयास किया गया। कुछ देर बाद दोनों पक्षों की ओर से उनके सदस्यों के गुम होने की बात कही गई। एसपी डॉ।जगदीश चंद्र ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ बीएनएस की धारा 140 (3), 174, 221 व 223 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

इसके अलावा बेतालघाट ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान चली गोली मामले में भी पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि बेतालघाट ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान गोलीबारी हुई थी। इस दौरान व्यक्ति के पैर में भी गोली लग गई थी।