38th National Games: उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स के आयोजन की तारीख पर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है। संघ की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र के माध्यम से यह सूचना दी गई है। आयोजन को सफल बनाने के लिए पांच विभिन्न कमेटियों का गठन भी भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से कर दिया गया है।
बता दें कि बीते माह मुख्यमंत्री ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान संघ की अध्यक्ष डॉ पीटी उषा से मुलाकात कर राष्ट्रीय खेलों की तारीख घोषित किए जाने का अनुरोध किया था। डॉ उषा ने तभी आयोजन की प्रस्तावित तारीखों को सहर्ष स्वीकृति दे दी थी। अब इस तिथि का औपचारिक एलान कर दिया गया है। अगले वर्ष 28 जनवरी से 14 फरवरी तक 38वें नेशनल गेम्स यहां आयोजित होंगे।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पांच विभिन्न कमेटियों का गठन कर दिया गया है। इनमें सुनैना की अध्यक्षता में गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी, मधुकांत पाठक की अध्यक्षता एनएसएफ/एसओए कोऑर्डिनेशन कमेटी, विथल शिरगोंकार की अध्यक्षता में प्रोटोकॉल कमेटी, सुश्री सुमन कौशिक की अध्यक्षता में सेफगार्डिंग कमेटी और आईएएस आरके सुधांशु की अध्यक्षता में प्रिवेंशन ऑफ मैनिपुलेशन ऑफ कंपीटिशन कमेटी गठित की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स बेहद सफल और ऐतिहासिक होंगे। इस राष्ट्रीय खेल महाकुंभ के लिए उत्तराखण्ड पूरी तरह से तैयार है। राज्य सरकार इस आयोजन को यादगार बनाने में कोई भी कोर कसर बाकी नहीं रखेगी। जिन राज्यों में पिछले राष्ट्रीय खेल हुए हैं, उनके अनुभवों के आधार पर उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल बेहतर ढंग से आयोजित किए जाएंगे। हमारा प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन अभी तक हुए राष्ट्रीय खेलों से बेहतर हो।
नेशनल गेम्स के मेजबान राज्य को मिलता है बड़ा मौका:
राष्ट्रीय खेलों में पदक तालिका में उत्तराखंड के परफॉर्मेंस को लेकर सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि, राज्य गठन के बाद साल 2002 में उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में 13वें स्थान पर था। पिछले गोवा नेशनल गेम्स में उत्तराखंड 25वें स्थान पर पहुंच चुका है। जिस भी राज्य में राष्ट्रीय खेल हुए हैं, उसके लिए होस्ट टीम के रूप में हर खेल में भाग लेने का मौका होता। जिसके चलते भी होस्ट प्रदेशों ने अपनी मेडल टेबल में सुधार किया है। हाल ही के सालों की बात करें तो राष्ट्रीय खेलों के मेजबान राज्य लगातार ओवर ऑल पदक तालिका में टॉप 5 में शामिल रहे हैं।
पिछले कुछ उदाहरण देखें तो साल 1987 में इस आयोजन की मेजबानी करते समय केरल चैंपियन बना था। साल 1997 के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर्नाटक ने की थी और उन्होंने सबसे ज्यादा पदक जीते थे। मणिपुर साल 1997 के राष्ट्रीय खेलों में 9वें स्थान पर रहा। दो साल बाद जब उन्होंने इस आयोजन की मेजबानी की तो वे ओवरऑल चैंपियन बन गया।
साल 2001 में मेजबान पंजाब चैंपियन बना। आंध्र प्रदेश ने 2001 में केवल 11 स्वर्ण पदक जीते थे। साल 2002 में इसकी मेजबानी करते समय चैंपियन बन गया। इस तरह से कुल 94 स्वर्ण पदक जीते। वहीं, असम केवल एक स्वर्ण पदक के साथ 2001 में 21वें स्थान पर था, लेकिन साल 2007 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी की तो 38 स्वर्ण पदक जीतकर दूसरे उप विजेता बने। इसी तरह झारखंड साल 2007 के राष्ट्रीय खेलों में 15वें स्थान पर था, लेकिन साल 2011 में जब उन्होंने इसकी मेजबानी की तो वे 5वें स्थान पर पहुंच गए। साल 2015 में मेजबान केरल ने पदक तालिका में दूसरा स्थान हासिल किया। इस रुझान और आंकड़ों का एक बड़ा कारण ये भी है कि मेजबान राज्य को प्रतिभाग करने का मौका अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा मिलता है।
यानी होस्ट राज्य की टीम को नेशनल गेम्स की सभी विधाओं में प्रतिभाग करने के लिए दरवाजे खुले रहते हैं। बशर्तें आपको पास सभी खेलों की टीम हो और उस टीम की मेडल जीतने लायक प्रैक्टिस भी हो। ऐसे में एक बेहतरीन मौका इस बार उत्तराखंड के पास है। अगर उत्तराखंड बेहतर परफॉर्मेंस करता है तो होस्ट राज्य के टॉप पर रहने का सिलसिला जारी रहेगा।
राष्ट्रीय खेलों में पिछले 24 सालों में उत्तराखंड की स्थिति:
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अंतरिम सरकार के जाने के बाद पहली सरकार में यानी 2002 में हैदराबाद राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग करने गई टीम को मेडल तालिका में 13वां स्थान मिला। हालांकि, मेडल की संख्या केवल 10 थी, लेकिन अभी-अभी अस्तित्व में आए उत्तराखंड ने 5 गोल्ड मेडल हासिल किए थे। जिसके चलते उत्तराखंड का रैंक नेशनल गेम्स में 13 हो गया था, लेकिन उसके बाद जहां दूसरे राज्यों ने अपनी परफॉर्मेंस को बेहतर किया तो उत्तराखंड में लगातार डाउनफॉल ही देखने को मिला।
साल 2007 में गुवाहाटी में 33वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ। जिसमें उत्तराखंड ने 4 गोल्ड, 4 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीते। इस तरह से कुल 13 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 18वें स्थान पर रहा।
साल 2011 में रांची में 34वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ। जिसमें उत्तराखंड ने 4 गोल्ड, 4 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीते। इस तरह से कुल 13 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 19वें स्थान पर रहा।
साल 2014 में केरल में 35वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ। जिसमें उत्तराखंड ने 2 गोल्ड, 5 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज मेडल जीते। इस तरह से कुल 19 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 23वें स्थान पर रहा।
साल 2022 में गुजरात में 36वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ। जिसमें उत्तराखंड ने 1 गोल्ड, 8 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज मेडल जीते। इस तरह से कुल 18 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 26वें स्थान पर रहा।
साल 2023 में गोवा में 37वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ। जिसमें उत्तराखंड ने 3 गोल्ड, 6 सिल्वर और 14 ब्रॉन्ज मेडल जीते। इस तरह से कुल 24 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 25वें स्थान पर रहा।
नेशनल गेम्स में इस बार उत्तराखंड को हर खेल में प्रतिभाग का मौका मिलेगा। लिहाजा, मेडल टेबल में सुधार होने का मौका है।
राज्य के छात्रों और शिक्षकों को जुड़ने का मिलेगा मौका
उत्तराखंड में प्रस्तावित 38 वें राष्ट्रीय खेलों में अब 90 दिन से भी कम का समय बचा हुआ है। इन खेलों से पूरे राज्य के छात्रों और शिक्षकों को जोड़ते हुए राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के उस मकसद को पूरा करने की कोशिश की जाएगी। इससे पूरे प्रदेश में खेल के प्रति एक सकारात्मक माहौल बनेगा। 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पूरे उत्तराखंड के स्कूली छात्रों और शिक्षकों को, खासतौर से PT टीचर्स को जोड़ने के लिए सरकार जल्द ही सभी इच्छुक लोगों नेशनल गेम्स में वालंटियर के रूप में प्रतिभाग करने के लिए योजना तैयार कर रही है।
जुड़ने के लिए करें रजिस्ट्रेशन:
विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिंह ने बताया राज्य में सभी छात्रों और शिक्षकों को खासतौर से PT टीचर्स को आगामी राष्ट्रीय खेलों से सीधे तौर से वालंटियर के रूप में जोड़ने के लिए सरकार एक पोर्टल लॉन्च करने जा रही है। उन्होंने बताया वह मीडिया के माध्यम से सभी स्कूल और कॉलेजों को यह संदेश देना चाहते हैं कि उनके स्कूल के पीटीआई टीचर स्पोर्ट्स कोच और स्पोर्ट्स से जुड़े तमाम स्टूडेंट और खेलों से रुचि रखने वाले छात्र भी खेल विभाग के वालंटियर पोर्टल पर खुद को रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।
38वें नेशनल गेम्स से जुड़ सकेंगे स्टूडेंट्स
विशेष प्रमुख खेल सचिव अमित सिन्हा ने बताया आगामी 10 नवंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूथ फेस्टिवल के मौके पर इस पोर्टल को लॉन्च करेंगे। उन्होंने सभी खेल प्रेमियों से अपील की है वह खुद को इस पोर्टल में जरूर रजिस्टर करें। उन्होंने कहा वॉलंटियर पोर्टल पर रजिस्टर करने वाले लोगों को सीखने का मौका भी मिलेगा। खेल विभाग द्वारा उनकी ट्रेनिंग भी करवाई जाएगी। स्पोर्ट्स इवेंट में वॉलिंटियरिंग से जुड़ी जानकारियां उन्हें दी जाएंगी। उन्होंने कहा यह सभी वॉलिंटियर के लिए एक लर्निंग एक्सपीरियंस होगा। इससे उन्हें बड़े इवेंट्स का अंदाजा होगा।