Uttarakhand Sahitya Gaurav Samman-2024: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आई.आर.डी.टी सभागार सर्वे चौक देहरादून में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024’ समारोह में प्रतिभाग कर विभिन्न साहित्यकारों एवं भाषाविदों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर साहित्यकार नीरज नैथानी को गद्य विधा के लिए उनकी पुस्तक ‘हिमालय में पथारोहण’ के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा डॉ० पीतांबर दत्त बड़थ्वाल सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान में स्मृति चिन्ह, शॉल एवं एक लाख रुपए की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गयी। साहित्य की विभिन्न विधाओं के लिए कुल अठारह साहित्यिकारों का चयन किया गया। दो दिन तक चले साहित्य महोत्सव में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से अनेक वरिष्ठ, कनिष्ठ साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024 के अंतर्गत उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान से सुभाष पंत, सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार से डॉ. दिनेश पाठक, गुमानी पंत पुरस्कार से गोपाल दत्त भट्ट, भजन सिंह पुरस्कार से कुलानन्द घनशाला, गोविंद चातक पुरस्कार से श्रीमती सुनीता चौहान, प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार से सगीर उल्लाह, गौरा पंत ‘शिवानी’ पुरस्कार से श्रीमती शमा खान, मंगलेश डबराल पुरस्कार से सतीश डिमरी, महादेवी वर्मा पुरस्कार से शशिभूषण बड़ोनी, शैलेश मटियानी पुरस्कार से ललित मोहन रयाल को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने इसी क्रम में डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार से नीरज कुमार नैथानी, बहादुर बोरा, बंधु पुरस्कार से महेंद्र ठुकराठी, शेर सिंह बिष्ट ‘‘अनपढ़‘‘ पुरस्कार से मोहन चंद्र जोशी, भवानीदत्त थपलियाल सती पुरस्कार से वीरेंद्र पंवार, कन्हैयालाल डंडरियाल पुरस्कार से मदन मोहन डुकलाण, गिरीश तिवारी ‘‘गिर्दा‘‘ पुरस्कार से डॉ. पवनेश ठकुराठी, विद्यासागर नौटियाल पुरस्कार से अनूप सिंह रावत, एंव भैरत दत्त धूलिया पुरस्कार से श्री. एम.आर ध्यानी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान समारोह हमारी साहित्यिक परंपरा, रचनात्मक चेतना और शब्द-साधकों के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक है। यह मंच उन सभी महान विभूतियों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज को दिशा देने और उत्तराखंड की संस्कृति को नई पहचान दी है। उन्होंने उत्तराखंड के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान, उत्तराखंड साहित्य भूषण से सुभाष पंत को सम्मानित करते हुए कहा कि पंत समूचे हिंदी साहित्य जगत के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मानित होने वाले साहित्यकारों ने अपनी सृजनशीलता के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है। देवभूमि की धरा हमेशा से रचनात्मकता ज्ञान और संस्कृति का अद्भुत केंद्र रही है, जहाँ विचारों की ज्योति ने हर युग में समाज को प्रेरित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्यता से अनगिनत लेखकों, कवियों और विचारकों को प्रेरणा मिलती है। इसी राज्य से सुमित्रानंदन पंत जी ने देश-दुनिया को शब्दों के माध्यम से जोड़ा और शैलेश मटियानी जी को ‘पहाड़ का प्रेमचंद’ कहलाने का गौरव प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, निदेशक श्रीमती स्वाति भदौरिया, पूर्व कुलपति प्रो. सुधारानी पाण्डे सहित साहित्य क्षेत्र से जुडे लोग आदि उपस्थित थे।