New public prosecutor Avnish Negi appointed to defend Ankita Bhandari murder case

Ankita Bhandari murder case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी को इस केस की पैरवी के लिए बतौर सरकारी वकील नियुक्त किया गया है। अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी की इच्छा से नए वकील की नियुक्ति की है। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किए हैं।

इससे पहले अंकिता हत्याकांड में सरकार की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र रावत को इस केस की पैरवी के लिए सरकारी वकील नियुक्त किया गया था। परन्तु अंकिता के परिजनों ने सरकारी वकील पर आरोप लगाया था कि वह अदालत में मामले की कमजोर पैरवी कर रहे हैं।

गौरतलब है कि बीते 5 और 6 जुलाई को अंकिता के माता-पिता के सरकारी वकील को हटाने की मांग के समर्थन में विपक्षी दल कांग्रेस ने भी जिला मुख्यालय पौड़ी में धरना दिया था। 6 जुलाई को अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने फिर से डीएम पौड़ी से सरकारी वकील को हटाने की मांग की थी। वीरेंद्र भंडारी ने कहा था कि अंकिता का केस लड़ रहे सरकार वकील गवाहों के बयानों को तोड़-मरोड़ पेश करने के साथ ही केस को कमजोर कर रहे हैं। वहीँ अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी ने कहा था कि कि सरकार और प्रशासन उनकी नहीं सुन रहा है। न ही किसी तरह की मदद सरकार की ओर से दी जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर जल्द जितेंद्र रावत को नहीं हटाया जाता तो वो भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगी। साथ ही पूरे प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा।

जिसके बाद 14 जुलाई को स्वयं विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र रावत ने केस से हटने की इच्छा जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा था। जिसके बाद डीएम पौड़ी डॉक्टर आशीष चौहान ने अंकिता के परिजनों को बताया कि अंकिता हत्याकांड की सुनवाई से विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र रावत को हटा दिया गया है। जिसके बाद अंकिता के परिजनों ने 17 जुलाई को प्रस्तावित धरना स्थगित कर दिया था।

19 जुलाई 2022 को अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने जिलाधिकारी डॉ। आशीष चौहान को पत्र लिखकर इच्छा जताई कि वह इस मामले में अवनीश नेगी पूर्व डीजीसी क्रिमिनल को विशेष लोक अभियोजन नियुक्त किया जाए। जिलाधिकारी ने इस पत्र को शासन की अनुमति के लिए भेजा था। शासन ने अंकिता के पिता की इच्छा के अनुसार ही पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी को सरकार की ओर से अंकिता हत्याकांड केस की पैरवी के लिए नियुक्त किया है। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किए हैं।

क्या था पूरा मामला

पौड़ी जिले श्रीकोट की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी। अंकिता की इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त को नौकरी लगी थी। परन्तु 20 दिन बाद ही बीती 18 सितंबर को वह रिसोर्ट से रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। परन्तु जब 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला। तो जागो उत्तराखंड के पत्रकार आशुतोष नेगी द्वारा इस मामले को जोरशोर से उठाने और डीएम से इस मामले की शिकायत करने के बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया।

जिसके बाद पुलिस जांच में इस मामले में वनंतरा रिजॉर्ट के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई। रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता नहीं थी। इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की।

आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया। आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने पूर्व भाजपा नेता व पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और केस कोर्ट में है।