air force passing out pared

उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के कल्जीखाल ब्लॉक के अंतर्गत महड़ गाँव की बेटी निधि बिष्ट ने आज पौड़ी जनपद के साथ-साथ पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। निधि बिष्ट आज यानी 19 जून 2021 को हैदराबाद स्थित एयरफोर्स एकेडमी से पास आउट होकर फ्लाइट कैडेट कमीशन अधिकारी (फ्लाइंग ऑफिसर) के रूप में भारतीय वायु सेना का हिस्सा बन गई है।

आज (शनिवार 19 जून 2021 को) तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में शनिवार को डुंडीगल वायु सेना अकादमी में आयोजित कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड (CGP) में भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के 161 फ्लाइट कैडेट कमीशन अधिकारी बने। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने उड़ान और दिशासूचक (नेविगेशन) प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वाले कैडेटों को विंग और ब्रेवेट भी भेंट किए। उन्होंने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों को विंग भी भेंट किए। पासिंग आउट परेड देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे, जिनेमें स्नातक कैडेटों के माता-पिता एवं अभिभावक और रिश्तेदार शामिल रहे।

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मूल रूप से पौड़ी जिले की निधि बिष्ट का परिवार वर्तमान में राजधानी देहरादून में रहता है। उनकी मां ऊषा बिष्ट गृहणी हैं और पिता अनिल बिष्ट निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं।

वर्ष 1996 में पौड़ी के छोटे से गांव महड़ में जन्मी निधि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्रीनगर के चौरास स्थित सेंजो स्कूल से की। उसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने देहरादून के डीएवी पब्लिक स्कूल से पूरी की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और उसके बाद देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (FRI) से पोस्ट ग्रेजुएशन और PHD की।

पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली निधि जनता की सेवा करना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने पहले सिविल सर्विस में जाने का मन बनाया, लेकिन बाद में उन्होंने करियर के विकल्प के तौर पर आर्मी को चुना। FRI से ग्रेजुएशन और पीएचडी करने वाली निधि बिष्ट के पास एयरफोर्स ज्वाइन करने से पहले फॉरेस्ट ऑफिसर बनने का बेहतरीन मौका था, लेकिन उन्होंने उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य परंपरा को निभाते हुए वायु सेना को चुना। निधि आसानी से एयर फोर्स कामन एडमिशन टेस्ट (एफकैट) पास कर लिया और पिछले साल अगस्त माह में वह 11 माह के प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद चली गईं थी। और आज वहा से फ्लाइंग ऑफिसर बनकर निकली हैं।