NOPRUF's online meeting

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा NOPRUF उत्तराखंड की आज ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि यदि भारत सरकार और राज्य सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था, जीपीएफ व्यवस्था लागू करने की ओर ध्यान नहीं देते हैं तो देशभर में साठ लाख कर्मचारियों को मजबूरन सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड, प्रधानमंत्री भारत सरकार से आग्रह करता है कि जल्द से जल्द इस ओर ध्यान देते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करें। वहीँ प्रांतीय कार्यकारिणी प्रेस सचिव कमलेश कुमार मिश्र ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली  संयुक्त मोर्चा पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार प्रयासरत है। मोर्चे का केवल एक ही मिशन है पुरानी पेंशन। यह संगठन केवल राजनीति से दूर कर्मचारी और शिक्षकों का पुरानी पेंशन बहाली के लिए बना है। आज देश के प्रत्येक राज्य में मोर्चे के अपने संगठन हैँ, और राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर हर कार्यक्रम को सफल बना रहे हैँ।  राज्य में भी आठों सांसदों को पेंशन बहाली का मांगपत्र सौंपा गया है।

एक तरफ़ कर्मचारियों को चालीस वर्ष की नौकरी के बाद भी पुरानी पेंशन नहीं मिल पा रही है, वहीँ समाजसेवा का ढोल पीटने वाले नेता वर्ग को एक दिन में ही पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा हैl

बैठक में सम्मिलित चमोली जनपद से संगठन मंत्री अवधेश सेमवाल ने कहा कि नई पेंशन व्यवस्था अर्थात NPS शिक्षक कर्मचारियों के लिए सर्वथा अलाभकारी है। जिसमे सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन अत्यन्त न्यून और असन्तोषजनक है। एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारें देश में विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं यथा वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन तथा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों किसानों आदि के साथ-साथ सांसद विधायकों को भत्ता पेंशन, पारिवारिक पेंशन से आच्छादित कर रही है। तो ऐसे में अपने जीवन के 30-40 स्वर्णिम वर्ष की सेवा देकर राज्य के विकास में विभिन्न आयामों को गति देने वाले शिक्षक कर्मचारी सरकार की नई पेंशन नीति से अपने भावी बुढ़ापे के जीवन को लेकर स्वयं को असहाय एवं असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

जनपद अध्यक्ष हरिद्वार डॉ. एनके सैनी ने कहा कि पुरानी पेंशन सरकारी कर्मचारियों में आत्मविश्वास पैदा करती है। नई पेंशन योजना सुरक्षित नहीं है इसीलिए NPS योजना विधायकों सांसदों आदि पर लागू नहीं होती क्योंकि पुरानी पेंशन योजना सुरक्षित जीवन निर्वाहन की गारंटी देती है। इसीलिए हमारे देश की सेनाओं को एनपीएस से दूर रखा गया है। इसलिए हमारी मांग है कि देश और राज्य की 30 से 35 साल सेवा देने वाला सरकारी कर्मचारी भी पुरानी पेंशन से आच्छादित रहे।

बैठक में चमोली जिला संरक्षक प्रोफेसर बीपी पुरोहित ने कहा कि पूरे देश में संगठन की ट्रेजरी लेवल पर इकाइयों का गठन हो, कोष और NPS अधिकारियों कर्मचारियों की संख्या आपको ट्रेजरी वाले ही उपलब्ध करवा सकते हैं।

उस कोषागार में आने वाले 5 सबसे बड़े अधिकारियों का अघोषित अंडरग्राउण्ड संयोजक मण्डल बने और प्रत्यक्ष जिस तरह इकाइयां बन रही हैं वैसी ही बने लेकिन कमान अधिकारियों के हाथ में हो हम आंदोलन के सिपाही बन कर कार्य करें! इसके अलावा सफलता की कोई दूसरी रणनीति नहीं हो सकती।

जनपदीय कार्यकारिणी सदस्य पौड़ी अजीत नेगी ने कहा कि NOPRUF के द्वारा सभी कर्मचारियों की संख्या विकास खण्ड स्तर से नोट की जाये और राज्य में होने वाले चुनावों में तथा राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले चुनावों हमारे पास कितने वोट हैं, इसकी ताकत सरकार को बतानी चाहिए। और साथ ही में जो युवा पीढ़ी सोई हुई है उसे जगाना चाहिए ताकि उनको पता चल सके कि सरकार आज के समय में चाहे सरकारी नौकरी वाले हों चाहे प्राइवेट सेक्टर वाले हों सबका शोषण करना चाहती है। और वास्तव में हम ही इसके लिए कहीं ना कहीं से हम भी दोषी हैं।

ज्ञात हो कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड, प्रदेश कार्यकारिणी लगातार सरकार के समक्ष अपने विरोध को सांकेतिक प्रदर्शन और ज्ञापन द्वारा जाहिर कर रहा है। केन्द्र की भारत सरकार और राज्य सरकार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री भारत सरकार को भी कर्मचारियों ने पोस्टकार्ड लिखकर, लगातार  अवगत कराया जा रहा है।

आनलाइन संवाद में प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल, श्रीनगर, जिला मीडिया प्रभारी मुरली मनोहर भट्ट उत्तरकाशी,  संरक्षक चमोली प्रोफेसर बीपी पुरोहित, चमोली अध्यक्ष पी, एस फर्स्वाण,संगठन मंत्री अवधेश सेमवाल रुद्रप्रयाग के सचिव अंकुश नौटियाल, हरिद्वार के अध्यक्ष एसके  सैनी, प्रांतीय मीडिया सचिव कमलेश कुमार मिश्र, गढ़वाल मण्डल अध्यक्ष जयदीप रावत, महासचिव नरेश भट्ट, जनपदीय कार्यकारिणी पौड़ी के सदस्य अजीत नेगी, योगिता पंत, रेनु डॉगला, आदि शामिल रहे।