उत्तराखंड राज्य सिविल सेवा आचरण नियमावली की दी जानकारी
मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ वित्त नियंत्रक प्रवीन कुमार द्वारा दी गई जानकारी।
ईमानदारी व सत्यनिष्ठा से सेवा करने तथा कर्तव्यपरायणता के साथ कार्य करने की अपील
श्रीनगर: वीर चन्द सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के कर्मचारी-अधिकारियों को आचरण नियमवाली के संदर्भ में जानकारी देने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला रखी गई। जिसमें पहुंचे मेडिकल कॉलेज के 500 से अधिक चिकित्सकों, कर्मचारी-अधिकारियों एवं फैकल्टी को आचरण नियमावली का पाठ पढ़ाया गया। साथ ही सेवा के दौरान सेवा नियमवाली के तहत ईमानदारी व सत्यनिष्ठा से सेवा करने तथा कर्तव्यपरायणता के साथ कार्यो को करने आह्वान किया गया। ताकि जनता को सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं बेहतर से बेहतर मिल सके। सरकारी सेवक आचरण नियमावली के विपरीत कोई ऐसा कार्य नही किया जाना है, जो अनुशासनात्मक कार्रवाई के दायरे मे आता हो।
मेडिकल कॉलेज के प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य सिविल सेवा आचरण नियमावली के संदर्भ में सभी को पूर्णता के साथ जानकारी होनी आवश्यक है ताकि कोई भी कर्मी जो शासकीय संस्थान मे कार्यरत हो, वह कर्तव्यनिष्ठ रहकर व सुचिता से अपने कार्यदायित्वो का निर्वहन व पालन करे, इसी उद्देश्य से यह कार्यशाला रखी गई है।
कार्यशाला में नियमावली के संदर्भ में मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ वित्त नियंत्रक प्रवीन कुमार द्वारा कर्मचारियों को आचरण नियमावली की जानकारी विस्तार पूर्वक दी गई। उन्होंने कहा कि सेवा के दौरान जो भी आदेश उच्चाधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को होते है तो उसका तत्काल प्रभाव से नियमानुसार पालन करना होता है। कहा कि जब कर्मचारी सरकारी संस्थान में कार्यरत रहता है तो उसे सेवा आचरण नियमावली के तहत सोशल मीडिया पर भाम्रक खबरे फैलाने, गलत टिप्पणी करना, सरकार के कार्य योजनाओ के विपरीत लिखना, जनप्रतिनिधिगणों व अन्य किसी के भी बारे मे अनाप-शनाप लिखना, ऐसा कृत्य आचरण नियमावली के विपरीत है। जो इस तरह के कृत्य में शामिल होता है, उसके खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्यवाही अमल में लायी जाने के गाइडलाइंस है।
यहीं नहीं परिवार के किसी भी सदस्य को सरकार के खिलाफ किसी भी आंदोलन में भाग लेने से रोकने का प्रयास करें। यदि परिवार का कोई सदस्य भाग लेता है या किसी भी तरह से शामिल होता है तो सरकार को रिपोर्ट करें। आचरण नियमावली के तहत कर्मचारी किसी भी चुनाव में प्रचार, हस्तक्षेप, चुनाव चिह्न प्रदर्शित नहीं कर सकते है और ना ही किसी पार्टी विशेष के चुनावी रैली अथवा कार्यक्रम विशेष मे हिस्सा ले सकते है। यह आचरण नियमावली का उलंघन है।
वरिष्ठ वित्त नियंत्रक ने बताया कि ड्यूटी के दौरान शराब का सेवन नही किया जाना होता है, सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन नहीं किया जाना है और भारी नशे की हालत में सार्वजनिक स्थान पर भी नही जाना होता है। अन्यथा अनुशासन की कार्यवाई निश्चित है। महिला कर्मी के प्रति ऐसा कृत्य किया जाना, जो कि महिला उत्पीड़न के दायरे मे आता हो, ऐसा कृत्यों से दूर रहना है। अन्यथा यह सेवा आचरण नियमावली के विपरीत है। आकस्मिक परिस्थिति व जनहित में सर्वोपरि के मध्येनजर सरकारी संस्थान में कार्यरत किसी भी कर्मी को दिन के चौबीस घंटे में कभी भी और कही भी कार्य दायित्वों के निर्वहन हेतु निर्देशित किया जा सकता है।
शासकीय संस्थान में कार्यरत हर कर्मी को प्रतिवर्ष अपनी चल-अचल सम्पति का ब्योंरा देना है, यह ध्यान रखा जाना है। इसके अलावा आचरण नियमावली के विभिन्न नियमों के बारे में एक-एक बिंदु पर वरिष्ठ वित्त नियंत्रक द्वारा विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम मे उपस्थित सभी चिकित्सकों, अधिकारियों व कर्मियों ने इस पहल का स्वागत किया।