जूनियर हाईस्कृल shikshak-sangh-pauri

पौड़ी गढ़वाल: जूनियर हाईस्कृल शिक्षक संगठन, जनपद पौड़ी द्वारा जूनियर शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं के सम्बंध में जिला कार्यकारिणी की बैठक विभागीय हाल पौडी में सम्पन्न हुई। शुक्रवार को जिला कार्यकारिणी बैठक में 15 ब्लाकों के अध्यक्ष, मंत्री और कोषाध्यक्ष शामिल हुए। बैठक में सभी पदाकारियों ने विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की।

  1. शासनादेश अनुसार 17140 वेतनमान देने के मामले में शिक्षकों के साथ भेदभाव बरता गया है। शासनादेश में 4600 ग्रेड वेतन पाने वाले शिक्षकों के मामले में कहीं भी 17140 न देने की बात नहीं कही गयी है। बिना सही तथ्यों के इसे जटिल बना दिया गया है, शासनादेश संख्या 317 दिनांक 28 दिसंबर 2018 के अनुसार 4600 ग्रेड वेतन पर वेतन निर्धारण किया जाए। इस विसंगति के त्वरित न्याय संगत समाधान हेतु आपके स्तर से निदेशालय प्रस्ताव प्रेषित किया जाए।
  2. नवीन शैक्षिक सत्र हेतु छात्र /छात्राओं को उपलब्ध कराए जाने वाले गणवेश एवं पाठ्यपुस्तकों की धनराशि महा मई तक खातों में हस्तांतरित कर दी जाए। पूर्व में देखा गया है कि इन महत्वपूर्ण मदों में धनराशि बहुत विलंब से उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे इसकी उपयोगिता प्रभावित होती है।
  3. 01.01. 2016 के उपरांत चयन व प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत के बाद भी लंबे समय से वेतन निर्धारण नहीं किया गया है, शीघ्र वेतन निर्धारण कर स्वीकृत तिथि से एरियर भुगतान किया जाए। साथ ही प्रोन्नत एवं चयन वेतनमान स्वीकृत किए जाएं।
  4. वित्तीय वर्ष 2017-18 में आदर्श विद्यालयों हेतु उपलब्ध कराई गई सामग्री सूची के अनुसार क्रय करने के निर्देश दिए गए थे। विभागीय निर्देशानुसार विद्यालयों द्वारा सामग्री क्रय कर बिल वाउचर उपशिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराए गए थे, लेकिन कार्यालय की लापरवाही के कारण धनराशि लैप्स हो गई, एवं वर्तमान तक भी विद्यालयों को धनराशि उपलब्ध नहीं हो सकी है, जिससे कि विक्रेता द्वारा लगातार विद्यालयों को भुगतान हेतु फोन किया जा रहा है, जो कि बहुत ही खेद जनक स्थिति है, शीघ्र ही उचित कार्यवाही की जाए।
  5. प्रत्येक जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक सहित कुल 5 अध्यापकों की व्यवस्था पूर्व की भांति सुनिश्चित की जाए।
  6. जनपद पौड़ी विषम परिस्थितियों एवं वृहद् फैलाव वाला जनपद है, जी0पी0एफ0 निकासी की प्रक्रिया में बहुत अधिक लंबा समय लगने के कारण शिक्षकों को जी0पी0एफ0 धनराशि आवश्यकता के समय प्राप्त नहीं हो पा रही है। पांच लाख तक के जी0पी0एस0 आहरण की स्वीकृति का अधिकार उपशिक्षा अधिकारी को दे दिया जाए।
  7. पूर्व में आर0टी0ई0 एक्ट व शासनादेश के विपरीत दस या दस से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का विलीनीकरण किया गया है, जिससे छात्र-छात्राओं को प्राथमिक स्तर पर दो से 3 किलोमीटर व जूनियर स्तर पर 4 से 6 किलोमीटर तक अध्ययन करने को मजबूर होना पड़ा है। इस प्रकार के मनमाने विलीनीकरण पर रोक लगाई जाए।

बैठक के उपरान्त प्रतिनिधि मंडल की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी केएस रावत से उक्त बिन्दुओं पर वार्ता हुई। वार्ता में प्रान्तीय संगठन मंत्री मुकेश काला, प्रान्तीय सदस्य हेमन्त गैरोला, जिलाध्यक्ष कुंवर राणा, महामंत्री भगत सिहं भण्डारी, बिजेन्द्र भट्ट, भरत सिहं रावत, पदमेन्द्र लिंगवाल, प्रताप राणा, चन्द्रमोहन विष्ट, विपिन रांगण, मनोज रावत, लक्ष्मण नेगी, दीपचन्द, मनमोहन चौहान, मातबर सिंह, गणेश प्रकाश, हुकम सिहं, कैलास पंवार, सुरेन्द्र सिहं रावत, प्रदीप सिहं, लक्ष्मण सिहं रावत, रजनीश अणथ्वाल, महिमानन्द आरि शामिल थे। संचालन जिला महामत्रीं भगत सिंह भण्डारी द्वारा किया गया।