राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज आईडीपीएल में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से विधिक साक्षरता शिविर लगाया गया. उसमें बालिका दिवस के उपलक्ष्य में छात्राओं को उनके मूल अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया.
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रधानाचार्य राजीव लोचन सिंह ने कहा कि हमें अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. क्योंकि बिना कर्तव्य ज्ञान के प्राप्त हुए अधिकार जीवन में हानि भी पहुंचा सकते हैं. क्योंकि व्यक्ति उसका दुरुपयोग करेगा और उससे समाज में नकारात्मक संदेश जाने का खतरा रहेगा इसलिए आवश्यक है कि छात्राएं अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी ज्ञान प्राप्त करें.
प्राधिकरण की तरफ से पहुंचे हुए सुभाष तिवारी ने छात्राओं को उनके मूल अधिकारों के बारे में बताया और यह भी बताया कि उन्हें उनका प्रयोग कैसे करना है और उसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की क्या भूमिका है.
साक्षरता शिविर की संयोजक ममता रमोला ने विधिक सेवा प्राधिकरण के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला तो शिक्षिका लता अरोड़ा ने छात्राओं से अपील की अपने अधिकारों का प्रयोग बहुत आवश्यक होने पर ही करें सहनशीलता भी जीवन में होना बहुत आवश्यक है अन्यथा अधिकारों का दुरुपयोग होता है.
समस्त कार्यक्रमों का सफल संचालन करते हुए संस्कृत प्रवक्ता डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि प्राचीन काल में जब गुरुकुल में शिक्षा होती थी और शास्त्र के साथ-साथ हथियारों की शिक्षा भी दी जाती थी तो सुपात्र को ही ब्रह्मास्त्र जैसे अस्त्र शस्त्रों की दीक्षा प्रदान की जाती थी. क्योंकि सु पात्रता ना होने पर उसका दुरूपयोग हो सकता है. इसलिए छात्राओं को सुयोग्य बनते हुए अधिकारों के प्रति जागरूक रहना है.
इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य सूरज मणि, रमाशंकर विश्वकर्मा, डॉ संजय ध्यानी, एल एम जोशी, सुशील सैनी, इंदु नेगी, मोनिका रौतेला, हरेंद्र राणा आदि उपस्थित थे.