पौड़ी: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चढ़ीगांव, पौड़ी गढ़वाल के टीचर एजुकेटर फोरम कोर ग्रुप की बैठक में शिक्षकों ने डायट में खुली विज्ञप्ति और चयन के माध्यम से पदस्थापित शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति मानने पर आक्रोश जताकर महानिदेशक के आदेश को हास्यास्पद बताया. कहा कि प्रतिनियुक्ति होने पर भत्ते, समय आदि की सेवा शर्तें होती हैं, जबकि डाइट में एनसीटीई के मानकों के अनुसार, माध्यमिक शिक्षक से उच्च योग्यता धारी शिक्षकों को खुली विज्ञापन एवं चयन के माध्यम से आमंत्रित किया गया है.
शिक्षकों ने महानिदेशक को ज्ञापन भेज कर विरोध दर्ज किया. फोरम के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट चढ़ी गांव के सभी सदस्यों ने मिलकर डायट प्राचार्य स्वराज सिंह तोमर के माध्यम से महानिदेशक को ज्ञापन प्रेषित किया. उत्तराखंड राज्य गठन के बाद राज्य के प्राथमिक स्तर तक सेवा पूर्व व सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण को अधिक गुणवत्ता पूर्ण बनाने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने निर्धारित मानकों के क्रम में शिक्षकों को चयनित कर, इस स्थान में वर्ष 2003 वर्ष 2006, 2016 और 2021 में पदस्थापित किया गया है. खुली विज्ञप्ति के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा विभाग से शिक्षकों को चयन कर एससीईआरटी एवं डाइट में स्थापित किया गया है. 2013 में शासनादेश जारी कर डायट के शिक्षकों के लिए अलग संवर्ग गठन कर दिया गया, इन स्थानों में मानकों के अनुरूप चयनित शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता के आधार पर ही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने डीएलएड को मान्यता प्रदान की गई, इन स्थानों में स्थानांतरण की व्यवस्था की गई जो न्यायालय में विचाराधीन है ,ज्ञापन देने वालों में डॉक्टर एनपी उनियाल, जगमोहन कठैत, संगीता डोभाल, शिवानी रावत, डॉ अरविंद, नरेंद्र बिष्ट, ममता राणा, डाक्टर धनेंद्र लिंगवाल, डॉक्टर हरिशंकर डिमरी, अनुजा मैठाणी आदि उपस्थित थे।