Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में पौड़ी डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने यमकेश्वर एसडीएम की रिपोर्ट मिलने के बाद यमकेश्वर तहसील के उदयपुर पल्ला-2 के पटवारी वैभव प्रताप सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है। पटवारी वैभव प्रताप सिंह पर अधिकारियों को घटना से अवगत कराए बिना ही अवकाश पर जाने के आरोप हैं। इसके साथ ही इस मामले की जांच लैंसडाउन एसडीएम को सौंपी है। इससे पहले इस मामले में लापरवाही बरतने पर पौड़ी डीएम ने 24 सितंबर को पटवारी विवेक कुमार को निलंबित कर दिया था।
अंकिता हत्याकांड ममाले में राजस्व उप निरीक्षक वैभव प्रताप सिंह द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने के संबंध में विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों, समाचार को संज्ञान लेते हुए इस संबंध में पूर्व में उपजिलाधिकारी यमकेश्वर को आख्या उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये थे।
यमकेश्वर एसडीएम से प्राप्त जांच आख्या के अनुसार क्षेत्रीय राजस्व उप निरीक्षक उदयपुर पल्ला-2 तहसील यमकेश्वर (पटवारी) वैभव प्रताप सिंह के संबंध में संज्ञान में आया है कि पटवारी को 19 सितम्बर 2022 को अंकिता के गुमशुदगी की जानकारी प्राप्त हो गयी थी फिर भी वैभव प्रताप सिंह द्वारा इस संबंध में ना तो उच्च अधिकारियो को गुमशुदगी की सूचना दी और ना ही इस संबंध में कोई अग्रिम कार्यवाही की। जाँच आख्या से यह भी सूचना प्राप्त हुई है कि अंकिता भण्डारी की गुमशुदगी की जानकारी उनके पिता बीरेन्द्र सिंह भण्डारी ने राजस्व उप निरीक्षक वैभव प्रताप सिंह को 19 सितम्बर को दी थी। इसके उपरान्त भी वैभव प्रताप सिंह के द्वारा इस संबंध में कोई प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज नहीं की गयी और उच्चाधिकारियों को कोई जानकारी भी नहीं दी गयी। अलबता इतनी गंभीर घटना होने के बावजूद भी अवकाश पर चले गये।
अतः जिलाधिकारी द्वारा वैभव प्रताप सिंह, राजस्व उप निरीक्षक, उदयपुर पल्ला-2 के द्वारा की गयी घोर लापरवाही और अपने कर्तव्य के निवर्हन में दिखायी गयी असंवेदनशीलता को अत्यन्त गम्भीर मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है तथा तहसील थलीसैंण में सम्बद्व करते हुए विभागीय कार्यवाही संस्थित की गयी है। साथ ही इस प्रकरण में गहन और विस्तृत जाँच हेतु उपजिलाधिकारी लैंसडौन को जाँच अधिकारी नामित किया गया है।
बताया जा रहा है कि पटवारी और आरोपी पुलकित आर्य के बीच दोस्ती थी। वैभव का वनंत्रा रिजॉर्ट में पहले से आना जाना था। 19 सितंबर को गुमशुदगी की खबर लगते ही पटवारी वैभव 20 सितंबर को पास के क्षेत्र कांडाखाल चौकी के पटवारी विवेक कुमार को चार्ज थमाकर खुद चार दिनों की छुट्टी पर चला गया था। वहीँ अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे कांडाखाल चौकी के पटवारी विवेक कुमार ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और मामले की गंभीरता के अनुसार अपना कार्य जिम्मेदारी के साथ नहीं किया। जिसके कारण पौड़ी डीएम ने सबसे पहले 23 सितम्बर को पटवारी विवेक कुमार को सस्पेंड कर दिया था।
बताया जा रहा है कि वैभव अंकिता के पिता से भी ढंग से पेश नहीं आया था। मामले में शुरू से ही पटवारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। लोग लगातार सरकार से पटवारी को हटाए जाने और इस पूरे मामले में पटवारी को लेकर भी जांच करने की मांग कर रहे थे।