Pirul Laao-Paise Pao mission

Pirul Laao-Paise Pao mission: उत्तराखंड में गढ़वाल से लेकर कुमाऊँ तक जंगल आग से धधक रहे हैं। बेकाबू होती वनाग्नि की कुल 998 घटनाओं में अब तक 1316.12 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुके हैं।

जंगलों में लगी आग से वन संपदा को तो भारी नुकसान पहुंचा है, साथ ही आग के चलते जंगली जानवर आबादी तक पहुंच रहे हैं। पिरूल की सूखी पत्तियां वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती हैं। ऐसे में अब सरकार वनाग्नि को रोकने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कार्य कर रही है। सीएम धामी ने बैठक कर कहा कि इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपये प्रति किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे।

आज रुद्रप्रयाग पहुंचकर जंगल में बिखरी हुई पिरूल की पत्तियों को एकत्र करते हुए जन-जन को इसके साथ जुड़ने का संदेश दिया। पिरूल की सूखी पत्तियां वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती हैं। मेरा प्रदेश की समस्त जनता से अनुरोध है कि आप भी अपने आस-पास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर इसे अभियान के रुप में संचालित करने का प्रयास करें।

वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कार्य कर रही है। इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर ₹50/किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा इसके लिए ₹50 करोड़ का कार्पस फंड पृथक रूप से रखा जाएगा।