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नई दिल्ली के ‘गढ़वाल भवन’ मे शनिवार को आयोजित हिमवंत कवि चन्द्रकुँवर बर्त्वाल जन्म शताब्दी समारोह में उत्तराखंड मूल की लेखिका एवं कवयित्री रामेश्वरी ”नादान” को बाल साहित्य लेखन में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए चन्द्र कुँवर बर्त्वाल साहित्य सेवाश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर हिमवंत संस्था द्वारा कवयित्री रामेश्वरी ”नादान” सहित उत्तराखंड के हिंदी एवं गढ़वाली साहित्यकार, समाज सेवी, कवि एवं पत्रकारिता से जुड़ी 20 हस्तियों को समानित किया गया।

कार्यक्रम में गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे. जबकि दिल्ली संस्कृत तथा हिन्दी अकादमी में सचिव डॉ. जीत राम भट्ट, दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा एवं डीपीएमआई के अध्यक्ष डॉ. विनोद बछेती इस साहित्यिक समारोह में विशिष्ट अतिथि रूप में मौजूद रहे।

उत्तराखंड मूल की युवा लेखिका एवं कवयित्री रामेश्वरी ”नादान” एक गृहणी होने के साथ विगत कई बर्षों से हिंदी साहित्य विशेषकर बाल कहानी संग्रह में अपनी अमूल्य भागीदारी निभा रही हैं. उनकी अब तक 7 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। बाल साहित्य में विगत कुछ वर्षों से वह बहुत अच्छा लेखन कर रही है। उनकी हाल ही में प्रकाशित बाल कहानी संग्रह बचपन एक उड़ान” पाठकों द्वारा काफी पसन् की जा रही है। कई सम्मानों से सम्मानित रामेश्वरी “नादान” एक गृहणी है उन्होंने पारिवारिक जिम्मेदारियों को सुचारू रूप से निभाते हुए अपने लेखन को भी कभी रुकने नहीं दिया। वह महिलाओं के लिए प्रेरणा है।

इस दौरान वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. पृथ्वी सिंह केदारखंडी के गढ़वाली काव्य संग्रह धार मा कु गौं छ म्यारु” का लोकार्पण किया गया। सार्वभौमिक संस्था की सार्वभौमिक संस्था की टीम द्वारा पहाड़ से पलायन पर चोट करती हुई एक लघु नाटिका  अब क्या होलु” का भी खूबसूरत मंचन किया गया।