देहरादून : उत्तराखंड शिक्षा विभाग में प्रवक्ता पदों पर स्थायी प्रवक्ता की पोस्टिंग होने पर अतिथि शिक्षकों को हटना पडेगा। अब से प्रवक्ताओं की पोस्टिंग में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति वाले पद भी रिक्त माने जाएंगे। अभी सभी शिक्षकों को पेास्टिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिल सकेंगे। राजकीय इंटर कॉलेजों में रिक्त पदों पर पदोन्नत प्रवक्ताओं को वरीयता नहीं देने और अतिथि शिक्षकों की तैनाती का राजकीय शिक्षक संघ विरोध कर रहा था। राजकीय शिक्षक संगठन के लगातार विरोध के बाद शिक्षा सचिव ने प्रवक्ता पोस्टिंग का अपना पिछला आदेश संशोधित कर दिया गया है।
इससे पहले बीते 17 जुलाई शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के द्वारा प्रवक्ता पदों पर नियुक्ति के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया अपनाए जाने के निर्देश जारी किए गए थे। आदेश के अनुसार अतिथि शिक्षकों वाले स्कूलों में प्रवक्ता के पदों को रिक्त नहीं माना गया था। इसी को लेकर राजकीय शिक्षक संगठन विरोध में उतर गया था।
शिक्षकों का कहना था कि सु्प्रीम कोर्ट ने अतिथि शिक्षक को अस्थायी पद माना है। और कहा है कि स्थायी शिक्षक के आने पर अतिथि शिक्षक को हटना होगा। स्थायी शिक्षकों के विरोध को देखते हुए सरकार ने प्रवक्ता काउंसलिंग के लिए जारी अपना 17 जुलाई का फैसला पलट दिया। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम ने इसके आदेश दे दिए हैं। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर को नए जीओ के अनुसार काउंसलिंग और पेास्टिंग करने के आदेश दिए गए हैं।
शिक्षा सचिव ने बताया कि यदि स्थायी शिक्षक अतिथि शिक्षक की नियुक्ति वाले पद के लिए विकल्प भरता है और उसे वह मिल जाता है तो अतिथि शिक्षक को वहां से हटना पड़ेगा। लेकिन सरकार ने अतिथि शिक्षकों के लिए भी विकल्प रखा है। स्थायी शिक्षक की नियुक्ति से हटने वाले अतिथि शिक्षक को दूसरे स्कूल में नियुक्ति लेने का विकल्प दिया जाएगा। बतादें कि वर्तमान में प्रदेश में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या काफी ज्यादा है। प्रमोशन से पद भरने के बाद भी तमाम स्कूलों में पद खाली रहेंगे।