makrain-mela-ghusgali-khal

पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड कि सांस्कृतिक विरासत, पौराणिक मकरैण मेला हर वर्ष कि भांति इस वर्ष भी पौड़ी जनपद के गगवाड़स्यूं, बनेलस्यूं, मनियारस्यूं, सितोनस्यूं, पैडुलस्यूं पट्टियों के केंद्रबिन्दु घुसगलीखाल में आगामी 13, 14 व 15 जनवरी को आयोजित होने जा रहा है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि पौड़ी जनपद के घुसगलीखाल में पौराणिक मकरैण मेला सदियों से आयोजित किया जा रहा है। रविवार को मकरैण मेले के भव्य आयोजन को लेकर घुसगलीखाल में मकरैण मेला मन्दिर समिति की बैठक आयोजित की हुई।makrain-mela-ghusgali-khal

बैठक में मेला समिति पदाधिकारियों के साथ-साथ बनेलस्यूं, गगवाड़स्यूं, मनियारस्यूं, सितोनस्यूं सहित विभिन्न पट्टियों के ग्रामीणों ने मकरैण मेला के भव्य एवं सफल आयोजन को लेकर विचार-विमर्श किया। मेला समिति के संयोजक अनुसूया प्रसाद सुंदरियाल ने बताया कि इस वर्ष घुसगलीखाल मकरैण मेले में विभन्न खेल प्रतियोगिताओं क्रिकेट, वॉलीबाल, रस्साकस्सी, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, ढोल सागर प्रतियोगिता, महिला मंगल दलों की सांस्कृतिक प्रतियोगिता थड़िया-चौफला, झोड़ा नृत्य सहित बहुउद्देशीय शिविर आयोजित किये जाएंगे। मेले का मुख्य आकर्षण लुप्त होती जा रही पहाड़ कि संस्कृति ढोल-सागर, थड़िया-चौफला, झौड़ा एवं पारंपरिक खेल (रस्सा कस्सी) प्रतियोगिताएं रहेंगी।

मंदिर समिति के सचिव कमल रावत ने बताया कि घुसगलीखाल मेले में क्रिकेट, खो-खो, कबड्डी, रस्सा-कस्सी सहित विभिन्न खेलों की शुरुआत 6 जनवरी से हो जाएगी। जबकि मेले का विधिवत शुभारंभ 13 जनवरी को होगा। इस दौरान मेले की पहचान ढोल सागर का आयोजन, विभिन्न पट्टियों के महिला मंगल दलों की सांस्कृतिक प्रतियोगिता थड़िया-चौफला, झोड़ा नृत्य का आयोजन भी होगा। इसके अलावा इस वर्ष मेले में समाज कल्याण, मत्स्य विभाग, कृषि जैविक उत्पाद, ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग,  राजस्व विभाग, पशुपालन विभाग,  वनविभाग, उद्यान विभाग, लोक निर्माण विभाग आदि द्वारा बहुउद्देशीय शिविर लगाये जायेंगे। जिसका क्षेत्रीय जनता को काफी लाभ मिलेगा।

बैठक में मकरैण मेला मन्दिर समिति के संरक्षक आचार्य अनुसूया प्रसाद सुंदरियाल, अध्यक्ष हुकम सिंह बिष्ट, सचिव कमल रावत, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संयोजक कैलाश सुंदरियाल, अजय डोभाल, खेल समिति के उपाध्यक्ष विश्वेश्वर पटवाल, सचिव खेल सुमन नेगी, सुदामा रावत, कैलाश चंद्र, बीपी पटवाल, नेत्रसिंह, ब्रजमोहन नेगी, चंद्र मोहन, प्रकाश सुंदरियाल, संतोष नयाल, बेलम सिंह, आदि लोगों ने अपने विचार मंदिर समिति के समक्ष रखे।

जगमोहन डांगी, वरिष्ठ संवाददाता, देवभूमिसंवाद.कॉम

यह भी पढ़ें:

रेलवे में निकली 14 हजार पदों के लिए भर्ती, ऐसे करें आवेदन