देहरादून: केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के बाद लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे उत्तराखंड के प्रवासियों को वापस लाने की प्रकिया पर तेजी से काम शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए राज्य के दो बड़े अधिकारियों सचिव परिवहन शैलेश बगोली एवं आईजी संजय गुंज्याल को जिम्मेदारी सौंपते हुए नोडल अधिकारी बनाया है। गुरुवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने निर्देश जारी कर सचिव परिवहन शैलेश बगोली और आईजी संजय गुंज्याल के समन्वय में छह अधिकारियों की टीम को यह जिम्मेदारी सौंप दी है। यह टीम लॉकडाउन में फंसे लोगों को पास जारी करने से लेकर मेडिकल और परिवहन सुविधा उपलब्ध कराएगी। ऑपरेशन का पहला चरण शनिवार से शुरू होगा। पहले चरण में राहत शिविरों में रह रहे लोगों को उत्तराखंड लाया जाएगा।
उत्तराखंड लौटने के इच्छुक लोगों की सहायता के लिए एक लिंक पहले ही जारी किया चुका है। जिस पर आवेदन किया जा सकता है। ऑनलाइन लिंक:-
http://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने 15 नए हेल्पलाइन मोबाइल नंबर भी जारी किए हैं, जिसमें प्रवासी अपना विवरण उपलब्ध करा सकते हैं।
इन नम्बरों पर करें संपर्क 9557194828, 8476824218, 7017082637, 7983129119, 8279577133, 7906434586, 8979376382, 9045394752, 9045184752, 9389930624, 9389939866, 9410103292, 9045014752, 9389919096. इसके अलावा पुलिस लाइन कोविड कंट्रोल रूम के नंबर- 0135-2722100 और एसडीआरएफ कंट्रोल रूम के नंबर-0135 2410197 और 9456596190 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
शनिवार से शुरू होगा घर वापसी का पहला चरण
नोडल अधिकारी शैलेश बगौली ने बताया कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी उत्तराखंडियों को वापस लाने के लिए चलाये जा रहे ऑपरेशन का पहला चरण शनिवार से शुरू होगा। पहले चरण में राहत शिविरों में रह रहे लोगों को उत्तराखंड लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक देश के अलग अलग राज्यों में फंसे करीब 33 हजार लोगों ने उत्तराखंड लौटने के लिए आवेदन किया है। वहीँ करीब 9830 लोगों द्वारा ऑनलाइन लिंक के माध्यम से घर वापसी का आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों के राहत शिविरों में रह रहे लोगों को लाया जाएगा। इसके लिए रोडवेज बसों का इंतजाम किया गया है। जो लोग लाये जाएंगे, उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। आरोग्य सेतु एप से भी परीक्षण होगा। घर वापसी के बाद उन्हें 14 दिन क्वारन्टाइन में रहना होगा। जबकि दिल्ली समेत अन्य राज्यों में फंसे लोगों को अगले चरण में लाया जाएगा।
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