श्रीनगर: राजकीय मेडिकल श्रीनगर के बेस चिकित्सालय में राष्ट्रीय अंगदान दिवस के मौके पर पैरामेडिकल एवं एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं ने अंगदान जन जागृति अभियान के तहत जन जागरूकता रैली के जरिए आम लोगों को अंग दान के लिए जागरूक किया। छात्र-छात्राओं ने अंगदान दिवस पर पोस्टर-बैनर के जरिए अंगदान की महत्ता आज जन को बताई। जबकि 200 से अधिक छात्र-छात्राओं, फैकल्टी, कर्मचारियों ने 14वें राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर अंगदान की शपथ भी ली।
श्रीकोट बेस चिकित्सालय में जन-जागरूकता रैली निकालने के बाद आयोजित कार्यशाला में बोलते हुए चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह ने कहा कि अंगदान दान महान दान के रूप में माना है। क्योंकि अंगदान दूसरे व्यक्ति को जीवनदान देता है। कहा कि स्वस्थ्य व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद अंगदान कर अधिक से अधिक लोगों को नया जीवन दे सकता है। डॉ. सिंह ने कहा कि महाभारत काल में कर्ण को सबसे बड़ा दानवीर माना जाता है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के माध्यम से अंगदान के लिए भी जागरूक किया जा सकता है। नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. युसूफ रिजवी ने कहा कि नोटो (राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन ) के रूप में एक शीर्ष संगठन है। जिसके जरिए आज देश में मृतक अंग दान और प्रत्यारोपण के बारे में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में अथक प्रयास हो रहे है। नेत्र दान भी के संदर्भ में भी डॉ. रिजवी ने जानकारी दी।
अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केएस बुटोला ने भी अंगदान के तहत किये जाने वाले अंगों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जबकि बेहतर कार्यक्रम करने पर सभी की सराहना की। ब्लड़ सेंटर प्रभारी डॉ. सतीश कुमार ने अंगदान कैसे कर सकते है, क्या प्रक्रिया है, इस संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर एमबीबीएस एवं पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं ने अंगदान विषय पर अपने विचार रखे। जिन्हें प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिवानी एवं डॉ. आशुतोष मिश्रा ने किया।
इस मौके पर सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. बेअंत सिंह, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. विक्की बख्सी, डेंटल के एचओडी डॉ. अरूण गोयल, डिप्टी एमएस डॉ. वरूण सिंह, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग एवं पैरामेडिकल कोर्स के प्रभारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह सहित छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
आपका अंग दान एक ऐसा दान है, जो एक से अधिक जीवित व्यक्तियो को नया जीवन देता है। अंगदान से एक व्यक्ति देहत्याग उपरांत एक से अधिक व्यक्तियो को जीने की वजह दे सकता है। इसलिए अंगदान को महादान की संज्ञा दी गई। लोगों के दिलो-दिमाग में कई भ्रम व भ्रांतियां है। जिनको जागरूकता और सही जानकारी देकर दूर किया जा सकता है। इसलिए हर साल 3 अगस्त को “नेशनल ऑर्गन डोनेशनल डे” मनाया जाता है। ताकि अंगदान करने में सभी आगे आए और महादान का भागीदार बने। दूसरों के जीवन मे अंगदान के उपरांत जीवन देने वाले मानव सौभाग्यशाली व ईश्वरीय प्रेरणा है। डॉ. सीएमएस रावत, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज श्रीनगर।