Public problems of Srinagar area were discussed in the general meeting

श्रीनगर गढ़वाल: पेयजल आपूर्ति सहित श्रीनगर क्षेत्र की विभिन्न जन समस्याओं को लेकर आज श्रीकोट गंगानाली स्थित शिव शक्ति होटल में स्थानीय लोगों की एक आम बैठक आयोजित की गई। बैठक में श्रीकोट, श्रीनगर, डांग, उफल्डा आदि के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।

बैठक के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार फौजी ने श्रीकोट गंगानाली सुरक्षा दीवार, श्रीकोट, श्रीनगर, डांग, उफल्डा में सीवर लाइन का निर्माण कार्य, उफल्डा से स्वीत तक ऐलिवेटेड रोड़, पेयजल आपूर्ति के लिए नई लाइन का पुनर्गठन तथा श्रीकोट में पानी का अतिरिक्त टैंक बनवाये जाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने रेलवे टनल निर्माण में इस्तेमाल विस्फोटक सामग्री से आवासीय घरों में आई दरार के नुकसान के लिए केन्द्र सरकार से मुआवजे की मांग तथा आल वेदर रोड़ निर्माण कार्य समाप्त होने के बाद भी आज तक रोड़ से लगी नालियों को कुछ जगहों पर कवर न किए जाने के सम्बन्ध मे अपने विचार रखे।

उन्होंने कहा कि 2013 की आपदा के बाद श्रीनगर क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने श्रीनगर से श्रीकोट गंगानाली तक बाढ़ सुरक्षा दीवार को बनाने के बहुत संघर्ष किया जिसकी सुनवाई पर तत्कालीन सरकार द्वारा 30% धनराशि तथा केन्द्र सरकार द्वारा 70% धनराशि से श्रीनगर में तीन चरणों में कार्य किया गया किन्तु राज्य और केंद्र की सरकार बदलने पर श्रीकोट गंगानाली के दो चरणों का कार्य तब से लम्बित पड़ा है जिसके लिए उनके द्वारा पत्रचार भी किया गया किन्तु कोई सुनवाई नही हुई।

उन्होंने कहा कि श्रीकोट गंगानाली से घसिया महादेव श्रीनगर के कुछ क्षेत्र डांग, उफल्डा में जनता काफी समय से सीवर लाइन की बातों को सुन रही है। लेकिन आज भी इन क्षेत्रों में सीवर लाइन का निर्माण नहीं हो पाया है। बरसाती नालों से काफी क्षेत्रों का पानी अलकनंदा नदी को दूषित कर रहा है। जिसके लिए उनके द्वारा एसटीपी प्लांट बनवाने की मांग रखी गई है। साथ ही उन्होंने कहा है कि श्रीनगर गढ़वाल की अपनी एक पहचान है। चारधाम यात्रा में केदार नाथ, बद्रीनाथ, सिक्खों के पवित्र स्थान हेमकुंड साहिब तथा कांवड़ यात्रा और पर्यटन स्थल के लिए एक मात्र यही रास्ता है, जिसका प्रयोग आने जाने के लिए किया जाता है। किन्तु जाम जन की समस्या ध्वनि प्रदूषण और सड़क हादसे बढ़ते ही जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस एक साल की बात करें तो लगभग चौदह पंद्रह सड़क हादसे शहर में हो गये हैं।

इसके अलावा आए दिन गौवंशों को कुचला जा रहा है, जो कि आम बात हो गई है। इसलिए यदि उफल्डा से स्वीत तक ऐलिवेटेड रोड़ बनाई जाए तथा वन वे ट्रैफिक किया जाए तो इस समस्या से निजात मिल सकती हैं।  उन्होंने कहा कि श्रीकोट गंगानाली में 1993 में पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइने बिछाई गई थी, किन्तु आज यह क्षेत्र काफी विकसित हो चुका है। इस विषय में भी उनके द्वारा विभाग को नई पेयजल लाइन का पुनर्गठन के लिए पत्राचार किया गया। किन्तु उस पर भी आज तक कोई कारवाई नहीं की गई।

आज रेल विकास निगम द्वारा रेलवे टनल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। टनल के निर्माण में विस्फोटक सामग्री से श्रीनगर श्रीकोट गंगानाली स्वीत के बहुत से आवासीय भवन प्रभावित हुए हैं और हो रहे हैं। स्थानीय जनता द्वारा मुआवजे की मांग रखी गई। किन्तु उस पर भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। आल वेदर रोड़ निर्माण के दौरान सड़क के किनारे बनी नाली को बहुत सी जगहों पर आज भी खुला छोड़ा गया है उन्हें कवर नहीं किया गया है।

इस अवसर पर अनिल स्वामी, वीरेन्द्र सिंह नेगी, कु. विनोद मैठाणी, भोपाल सिंह चौधरी, नरेश नौटियाल, सुरेन्द्र सिंह चौहान, बीना चौधरी, जीत सिंह बिष्ट, जीएन सेमवाल, कृपाल सिंह रावत, वाईएस पंवार, राकेश चमोली, बलबीर सिंह दानू, परमेश्वरी धनाई, कुसुम असवाल, देवकी देवी, मुन्नी रांगण, रत्न सिंह चौहान, गीता भट्ट, जीएस खत्री आदि लोगों ने बैठक में अपने अपने विचार व्यक्त किए।