उत्तराखण्ड माध्यमिक विद्यालयी शिक्षा विभाग में डॉयट देहरादून के प्राचार्य पद पर कार्यरत (संयुक्त शिक्षा निदेशक) राकेश चंद्र जुगराण तीस जून 2024 (रविवार)को अधिवर्षता पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो गए हैं। श्रीनगर गढ़वाल निवासी राकेश चंद्र जुगराण ने गढ़वाल विश्वविद्यालय के बिड़ला परिसर से एमएससी (रसायन विज्ञान), बीएड उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात पौड़ी गढ़वाल जनपद के विभिन्न विद्यालयों राइकॉ  सांकरसैण, देहलचौरी तथा देवल गढ़ में शिक्षण करने के उपरांत पीईएस परीक्षा उत्तीर्ण कर ऐटा जनपद के सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक पद पर नियुक्त हुए। वे गाजियाबाद में भी सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक रहे।

उत्तराखण्ड राज्य स्थापना होने पर उन्होंने स्वेच्छा से उत्तराखण्ड राज्य सेवा का विकल्प स्वीकार किया। तथा रुड़की डॉयट में वरिष्ठ प्रवक्ता, खानपुर में खण्ड शिक्षा अधिकारी, देहरादून परियोजना में उप निदेशक, टिहरी डॉयट में उप प्राचार्य, बड़कोट उतर काशी, राज्य परियोजना  कार्यालय, सर्व शिक्षा अभियान, निदेशालय में संयुक्त शिक्षा निदेशक, में अपनी सेवाएं प्रदान करने के उपरांत देहरादून में डॉयट प्राचार्य पद पर वर्ष 2015 में कार्यरत रहे. उनके नाम प्रांतीय राजधानी देहरादून के डॉयट संस्थान में आठ वर्ष ग्यारह माह की अविरल दीर्घावधि सेवा का यह उल्लेखनीय रिकॉर्ड है।

रविवार को सेवा निवृत्त होने के कारण डॉयट संस्थान ने एक दिन पूर्व विदाई समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर डॉयट परिवार सहित निदेशक वंदना गबरियाल, संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. आनंद भारद्वाज, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा राम कृष्ण उनियाल, आशा पैन्यूली, संयुक्त निदेशक, महानिदेशालय पद्मेंद्र सकलानी, संयुक्त शिक्षा निदेशक रघुनाथ लालआर्य, राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह, उपाध्यक्ष मुकेश बहुगुणा, सचिवालय में कार्यरत अनुसचिव अनिल उनियाल, देवेन्द्र उनियाल, धीरज रावत वन क्षेत्र अधिकारी बड़कोट रेंज देहरादून, घनश्याम गुप्ता, साहित्यकार पुष्प लता ममगाईं, जुगराण के पारिवारिक सदस्यों व प्रमुख मित्र मंडली की गरिमामई उपस्थिति में देर शाम तक भावनाओं से ओत-प्रोत विदाई समारोह संचालित हुआ।

विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों, शुभचिंतकों ने मुक्तकंठ से राकेश चंद्र जुगराण की विनयशीलता, सज्जनता, विनम्रता, शालीनता, सहजता, सदाशयता, पशु पक्षियों के प्रति प्रेम, दानशीलता, प्रकृति आसक्ति, अनुपम संस्कारों से विभूषित व्यक्तित्व, साहित्य, कला संगीत के प्रति रुचि जैसे विभिन्न पक्षों को उल्लेखित किया। हृदय के भावपूर्ण मार्मिक विचारों के साथ विभिन्न उपहारों को भेंट इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया।

फूल मालाओं से लादकर जुगराण को बैंड बाजों की ध्वनि के साथ हर्ष उल्लास व विक्षोह के अद्भुत सम्मिश्रण के साथ विदा किया गया। सांयकालीन बेला में जुगराण द्वारा गंगा फार्म हाउस में रात्रि भोज का आयोजन किया गया।

इस स्नेह भोज आयोजन में देहरादून के साथ ही श्रीनगर गढ़वाल से पूर्व नगर पालिका अध्यक्षा पूनम तिवारी, प्रदीप तिवारी, जय कृष्ण पैन्यूली, राहुल, माधुरी नैथानी, विक्रम रमोला आदि की गरिमामई उपस्थिति से आयोजन की भव्यता दिव्यता में स्वाभाविक रूप से चार चांद लग गए।

सभी सहभागियों का कहना था कि वर्तमान समय की विषम, जटिल व विकट परिस्थितियों में राजकीय सेवा के राजपत्रित अधिकारी पद से निष्कलंक व निर्विवाद के साथ ही सर्वप्रिय होते हुए सेवा निवृत्त होने का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर गए हैं राकेश चंद्र जुगराण।

रा इ का नवाखाल के प्रधानाचार्य महेंद्र सिंह नेगी ने भी डायट प्राचार्य राकेश जुगरान को सेवा निवृत्ति पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।