samvad se samriddhi tak

देहरादूनः प्रदेश की राजधानी देहरादून के टाउन हॉल में रविवार को टूरिस्ट संदेश फाउंडेशन द्वारा संवाद से समृद्धि तक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, विशिष्ठ अतिथि राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट रहे। इस अवसर पर चकबंदी आन्दोलन के अप्रतिम नायक गणेश सिंह गरीब के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। विमोचन के दौरान गणेश सिंह गरीब स्वयं भी मौजूद रहे। इस मौके पर उन्हें सम्मानित किया गया।

टूरिस्ट संदेश फाउंडेशन की ओर से संवाद से समृद्धि कार्यक्रम में वक्ताओं ने चकबंदी पर सभी को एकजुट होकर कार्य करने, चकबंदी अनिवार्य रूप से होने व इस कार्य के लिए प्रशिक्षित लोग के होने पर जोर दिया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कहा कि चकबंदी को लेकर आमजन में जागरूकता होनी चाहिए। कहा कि राज्य के कई गांवों में रहने वाले ग्रामीणों ने चकबंदी पर सहमति जताई है। ग्राम व ब्लाक स्तर पर उन्हें सही जानकारी के साथ जागरूक करना जरूरी है। तभी चकबंदी सफल साबित होगी।

राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि यदि प्रदेश का मूलमंत्र चकबंदी है तो क्यों अब तक कार्य नहीं हुआ। जो कार्य राज्य बनने के दौरान होना चाहिए था, आज यहां उस पर चर्चा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। जनता सरकार को कार्य के लिए तैयार ना होने व सरकार का जनता की मंशा न होने की बात कहते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने स्तर से भी चकबंदी के संबंध में सरकार को पत्र भेजेंगी। चकबंदी को लेकर कार्य कर रहे लोग के प्रयास को सराहा। पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने सुझाव दिया कि चकबंदी समिति कार्यकाल के दौरान तकरीबन 86 गांवों से स्वैच्छिक प्रस्ताव मांगे गए थे। वहां पर चकबंदी लागू होना चाहिए। इसके बाद चकबंदी आदि रहे।

चकबंदी आंदोलन के प्रणेता गणेश सिंह गरीब ने कहा कि पहाड़ के लिहाज से चकबंदी व्यवस्था लागू ना होने से पर्वतीय जिलों से बदस्तूर पलायन हुआ है। कृषि उत्पादन में भी कमी आई है। पहाड़ की हजारों नाली कृषि योग्य भूमि आज बंजर है।

कार्यक्रम में पूर्व विधायक एवं चकबंदी समिति के पूर्व अध्यक्ष केदार सिंह रावत, पूर्व बंदोबस्त अधिकारी आयोजक लेखक सुभाष चंद्र नौटियाल, राकेश मोहन ध्यानी, प्रकाश थपलियाल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुंवर सिंह भंडारी ने की। कार्यक्रम का संचालन राकेश मोहन ध्यानी ने किया। प्रथम सत्र में सभी ने चकबंदी पर अपने अपने विचार रखे। वहीं दूसरे सत्र में लोक संस्कृति एवं लोकाचार में राकेश मोहन ध्यानी द्वारा लिखी गजलें लोक गायक विजय सैलानी ने प्रस्तुत की। इसके अलावा कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के लिए भोजन में दीपिका डोभाल एवं कपिल डोभाल द्वारा मोटे अनाज से निर्मित सुरुचिपूर्ण उत्तराखंडी व्यंजन की गयी। सभी ने पहाड़ी स्ट्रीट फूड जंक्शन का जायका लिया।

देहरादून से जगमोहन डांगी की रिपोर्ट