देहरादून: शुक्रवार को प्रेस क्लब देहरादून में उत्तराखण्ड की दिवंगत महान विभूति प्रसिद्ध चित्रकार, शब्द कला शिल्पी, बहु आयामी प्रतिभा के धनी स्वर्गीय बी. मोहन नेगी की प्रथम पुण्य तिथि पर उनके जीवन पर केन्द्रित दो पुस्तकों “सृजन विशेष एवं स्मृति शेष” तथा “बी. मोहन अब इ सब्द हमारा इष्ट छन” का भव्य लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया| दोनों पुस्तकों का सम्पादन वरिष्ट गढ़वाली साहित्यकार नरेन्द्र कठैत ने किया| बी. मोहन नेगी की प्रथम पुण्य तिथि पर आयोजित इस कार्यक्रम के द्वारा वास्तव में उनको सच्ची श्रद्धांजलि दी गई |
बी. मोहन नेगी पर केन्द्रित इन पुस्तकों का लोकार्पण मुख्य अतिथि गढ़ गौरव श्रद्धेय नरेन्द्र सिंह नेगी ,कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रसिद्ध गजलकार, अवकाश प्राप्त प्रधानाचर्य प्रेम साहिल, विशिष्ट अतिथि के रूप में हरि मोहन ‘मोहन’, “युगवाणी” पत्रिका के सम्पादक संजय कोठियाल, स्व. बी. मोहन जी की धर्म पत्नी श्रीमती कलपेश्वरी देवी कार्यक्रम और बी.मोहन जी पर आधारित “स्मृति ग्रंथ” व बी.मोहन निधि न्यास की संरक्षिका, इस कार्यक्रम के सूत्रधार व बी. मोहन जी पर आधारित चार भागों में विभक्त इस स्मृति ग्रंथ (स्मृति विशेष एवं स्मृति शेष) के सम्पादक एवं किसी विभूति पर आधारित/व्यक्ति विशेष के व्यक्तित्व पर आधारित पहली गढ़वाली पुस्तक (बी. मोहन अब यि शब्द बि हमारा इष्ट छन) के लेखक प्रसिद्ध गढ़वाली साहित्यकार नरेन्द्र कठैत जी एवं प्रसिद्ध साहित्यकार श्री रमाकांत बेंजवाल जी के हाथों हुआ|
मुख्य अतिथि श्रद्धेय नरेन्द्र सिंह नेगी जी एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री प्रेम साहिल जी ने नरेन्द्र कठैत जी के इस कार्य को महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक बताया| इस अवसर पर संजय कोठियाल जी ने बी. मोहन नेगी जी के साथ अपने बिगत तीन दशकों के संस्मरण को साझा किया|
नरेन्द्र कठैत जी द्वारा संपादित लोकार्पित स्मृति ग्रंथ के मुख्य दो भाग हैं
पहला सृजन विशेष- जिसमें उनके रेखाचित्र, कोलाज, भोजपत्र पर रेखांकन, पेपर मेसी आर्ट, कविता पोस्टर के सम्बंध में है |
दूसरा स्मृति शेष- जिसमें गद्यांजलि, चित्रांजलि, काव्यांजलि एवं भाव्यांजलि अर्थात चार भाग हैं| इस स्मृति ग्रंथ में 65 रचनात्मक सहयोगी एवं 13 आर्थिक सहयोगी हैं|
कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन एव दिवंगत महान विभूति स्व. बी. मोहन जी के चित्र पर माल्यार्पण से हुई | इस अवसर पर अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया | वक्ताओं ने विस्तार से समाज में बी0मोहन जी के योगदान एवं उनके बहुआयामी व्यक्तित्व पर बात रखी | सभी वक्ताओं ने श्री नरेन्द्र कठैत जी के इस अथक प्रयास की सराहना की | इस स्मृति ग्रंथ को तैयार करने में स्मृति ग्रंथ के सहयोगी सम्पादक युवा साहित्यकार श्री गीतेश नेगी की ने भी सूरत में रहकर भी महत्व पूर्ण भूमिका निभाई है| कार्यक्रम का संचालन “आखर” समिति के संदीप रावत एवं मलखीत रौथाण ने सम्मिलित रूप से किया| आज लोकार्पित इन दोनों पुस्तकों का प्रकाशन विन्सर पब्लिकेशन से हुआ है|
समारोह में सभी मंचासीन अतिथियों के साथ बी. मोहन नेगी के सुपुत्र आशीष मोहन नेगी एवं अन्य पारिवारिक सदस्य, भाषा- साहित्य, कला, संस्कृति एवं पत्रकारिता जगत से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों, विशिष्ट अतिथि शाक्त ध्यानी जी (“हलंत” पत्रिका के सम्पादक), मदन मोहन डुकलान, शूरवीर सिंह रावत, बेचैन कंडियाल, हरीश जुयाल “कुटज”, वेद विलास उनियाल, रघुवीर सिंह विष्ट, चैनल माउंटेन के एवं मीडिया गुरू जय प्रकाश पंवार “जेपी”, विन्सर पब्लिकेशन के कीर्ति नवानी, डॉ. सत्यानंद बडोनी, वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ”, हास्य सम्राट घनानंद “घन्ना भाई, देवेन्द्र जोशी, शीशपाल गुसांईं, देवेश जोशी, बलबीर सिंह राणा अडिग, शैलेन्द्र सेमवाल, अतुल गुसाईं ‘जाखी’ , मनोज इष्टवाल, तन्मय ममगाई, तोताराम ढौंढ़ियाल ,चन्दन सिंह नेगी, दीपक कैंतुरा , दिल्ली से जगमोहन सिंह जयाड़ा ‘ जिग्यासु’, अरविन्द प्रकृति प्रेमी, सुरेश स्नेहिल, मनोज भट्ट “गढ़वाली “, डॉ. कुसुम नौटियाल, बीना बेंजवाल, नीता कुकरेती, सुलोचना परमार, कल्पना बहुगुणा, कुसुम भट्ट सहित मीडिया जगत के लोग कई लोग उपस्थित थे|