नई दिल्ली : साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक, कवि और पत्रकार मंगलेश डबराल का बुधवार को हृदयगति रुकने से निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमण के चलते पिछले कई दिनों से वसुंधरा, गाज़ियाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके फेफड़े में संक्रमण था। वहां उनकी बेटी देखभाल कर रही थीं। बाद में हालत बिगड़ने पर उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। जहाँ उन्होंने आज जिंदगी की आखिरी सांस ली। 72 वर्षीय मंगलेश डबराल समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम हैं। मंगलेश डबराल मूलरूप से उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल निवासी थे। उनका जन्म 14 मई 1949 को टिहरी गढ़वाल, के काफलपानी गांव में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा देहरादून में ही हुई थी।
मंगलेश डबराल ने वर्ष 1963 में जनसत्ता में साहित्य संपादक का पद संभाला। उसके बाद कुछ समय तक वह सहारा समय में संपादन कार्य में लगे रहे। आजकल वह नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़े हुए थे। मंगलेश डबराल के पांच काव्य संग्रह (पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज भी एक जगह है और नये युग में शत्रु) प्रकाशित हुए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक, कवि और पत्रकार मंगलेश डबराल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मंगलेश डबराल के निधन को हिन्दी साहित्य को एक बङी क्षति बताते हुये दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।