उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग के अंतर्गत इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के विरोध के पहली बार राजकीय शिक्षक संघ की किसी कार्य कारिणी ने विरोध प्रस्ताव पारित किया है। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग में इण्टरमीडिएट प्रधानाचार्य के कुल सृजित 1387 पदों में से 900 से अधिक पद लम्बे समय से रिक्त चल रहे हैं। जिससे विद्यालयों में पूर्णकालिक प्रधानाचार्य न होने के कारण शिक्षा व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
शिक्षा विभाग लम्बे समय से पदोन्नति में आ रही बाधाओं को दूर नहीं कर पा रहा है, जिससे 30 से 35 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षक, बिना पदोन्नति (प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य पदों पर) के ही सेवानिवृत्त हो रही रहे हैं। इधर विभाग ने सेवा नियमावली में संशोधन कर इण्टर कॉलेजों में रिक्त प्रधानाचार्य के 50% पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय लिया है। जिसका शिक्षक सोशल मीडिया या ज्ञापन देकर लगातार विरोध करते रहे हैं, परन्तु पहली बार राजकीय शिक्षक संघ की किसी कार्यकारिणी ने विरोध-प्रस्ताव पास किया है।
राजकीय शिक्षक संघ जनपद टिहरी की कार्यकारिणी ने राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती का पुरजोर विरोध करते हुए अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रान्तीय कार्यकारिणी को भेज दिया है।
राजकीय शिक्षक संघ जनपद टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष दिलवर सिंह रावत एवं जिला मंत्री बुद्धि बल्लभ भट्ट ने कहा कि राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य का पद पदोन्नति का पद है। विभाग में शिक्षक 35 से 37 वर्षों की सेवा करने के बाद भी बिना प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य बने सेवानिवृत्त हो रहे हैं जिससे एक ओर बिना पदोन्नति पाये सेवानिवृत होने के कारण शिक्षकों में निराशा का भाव है वहीं अधिकांश विद्यालय मुखिया विहीन होने के कारण छात्रों की पढ़ाई पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग को सीधी भर्ती न कर पदोन्नति की बाधाओं को शीघ्र दूर कर शत प्रतिशत पदोन्नति का प्रयास करना चाहिए। ताकि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में अपेक्षित सुधार हो सके।