glacier broke in Chamoli

Glacier Outburst in chamoli Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली जिले के रेणी में आज सुबह ग्लेशियर (Glacier) टूटने से भारी तबाही हुई है. ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी पर बन रहे हाइड्रो प्रोजेक्‍ट और धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटने से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। कई मजदूरों के बहने की सूचना है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कुछ देर पहले घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह एवलांच के बाद चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों प्रोजेक्ट पर काम कर रहे बड़ी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धम अग्रवाल के मुताबिक सुबह पहाड़ से भारी मलबा, हिमखंड टूटकर आने से इन हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए तपोवन से लेकर हरिद्वार तक के सभी जिलों में अलर्ट जारी करने के साथ ही गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। गंगा के किनारे के सभी कैंपों को खाली कराया जा रहा है।

कैंपों की संख्या 600 के लगभग है। साथ ही गंगा व उसकी सहायक जिन नदियों में बाढ़ का खतरा है, वहां आसपास की बस्तियों को खाली करा दिया गया है। स्थिति पर निरंतर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि हादसे में काफी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है। उधर, गढवाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन के मुताबिक चमोली के डीएम और एसएसपी मौके के लिए रवाना हो गए हैं। ग्लेशियर टूटने कई घर बह गये हैं उत्तराखंड के चीफ सेक्रटरी ओम प्रकाश ने जानकारी दी है कि इस दुर्घटना में 100-150 लोगों के मारे जाने की आशंका है।glacier-broke-in-Chamoli-uttarakhand

गृहमंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गयी है कि ITBP की दो टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गयी है, जबकि NDRF की तीन टीम को देहरादून से बुलाया गया है। इसके अलावा तीन अन्य टीम को भी वायुसेना की मदद से वहां पहुंचाया जायेगा। SDRF और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है और बचाव कार्य जारी है। देहरादून से बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की चार टीमें रवाना की गई हैं। डीआइजी अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि अलर्ट को देखते हए स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही हैं।

अलकनंदा नदी के किनारे बसे लोगों से जगह खाली करने की अपील

चमोली पुलिस ने अलकनंदा नदी के किनारे बसे लोगों से जगह खाली करने की अपील की है। पुलिस ने ट्‌वीट किया है कि तपोवन रेणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को क्षति पहुंची है,जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, अत: लोगों से अपील है कि अतिशीघ्र सुरक्षित स्थानों पर चले जायें।

मुख्यमंत्री की अपील अफवाह ना फैलाएं, हेल्पलाइन नंबर जारी

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्‌वीट कर लोगों को जानकारी दी है कि अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070, 1905 और 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा, चमोली जिले से एक आपदा का समाचार मिला है। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है।