Badrinath Highway Closed: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश से एक ओर जहाँ नदी नाले उफान पर बह रहे हैं, वहीँ दूसरी ओर जगह-जगह मलबा और बोल्डर आने से सड़कों का बुरा हाल है। बरसात के चलते कई जगहों पर भूस्खलन का खतरा बना रहता है। कभी भी पहाड़ी दरक सकती है या बोल्डर आदि गिर सकते हैं। ऐसे में राहगीरों को आवाजाही करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। बीती रोज भी बदरीनाथ हाईवे पर ही गौचर के चटवापीपल के पास चट्टान गिरने से बाइक चकनाचूर हो गई। जिसमें बाइक सवार दो युवकों की मौके पर ही चली गई। दो युवक हैदराबाद के रहने वाले थे।
उधर बारिश के बाद मलबा और बोल्डर गिरने से ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे कई जगह बंद हो गया है। जिससे आवाजाही बंद हो गई है। जिसके चलते सैकड़ों यात्री रास्ते में ही फंस गए हैं। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर तोताघाटी, सफेद पहाड़ और विष्णु प्रयाग में भारी मात्रा में बोल्डर गिरे हैं। हाईवे पर सड़क का कुछ हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हुआ है। जिससे रास्ता बंद है। बदरीनाथ हाईवे (NH 58) तोताघाटी में बार-बार बंद हो रहा है। देर रात हाईवे खुला था, लेकिन सुबह एक बार फिर से बंद हो गया। मौके पर एनएच लोक निर्माण विभाग हाईवे को खोलने में जुटा है। हाईवे बंद होने के कारण प्रशासन वाहनों को मलेथा, टिहरी, चंबा, नरेंद्र नगर के रास्ते भेज रहा है। तीर्थयात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। एनएच द्वारा जेसीबी से लगातार मलबा हटाने का काम जारी है।
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर विष्णु प्रयाग से आगे बलदौडा पुल के पास भारी भरकम बोल्डर आ गिरे हैं। जिसके चलते राजमार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है। ऐसे में सड़क से पत्थर और मलबा को हटाने के लिए मशीन लगाई जा रही है, लेकिन ऊपर से चट्टान गिरने का डर भी बना हुआ है। वहीं, पुलिस ने लोगों को सावधानी बरतने की अपील की है। साथ ही अति आवश्यक काम होने पर ही घर से बाहर निकलने को कहा है।
प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि बरसात के दिनों जब अति जरूरी काम हो, तभी बाहर निकलें और आवाजाही करें। बाइक पर जो लोग आवाजाही कर रहे हैं, वो हेलमेट जरूर पहनें।
प्रदेश में शनिवार को 142 मार्ग बंद हुए। लोगों को मार्ग खुलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। जबकि 56 मार्ग शुक्रवार से बंद थे। लोनिवि ने इसमें से 89 मार्ग को खोल दिया। इसके बाद भी 109 सड़क बंद हैं। इसमे एक राष्ट्रीय राजमार्ग और सात राजमार्ग शामिल हैं। इसके अलावा 11 मुख्य जिला मार्ग, दो अन्य जिला मार्ग और 88 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी वर्षा के मद्देनजर सभी संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लोगों से सावधानी बरतने तथा सुरक्षित स्थलों पर रहने की अपील की है।
श्रीनगर में खतरे के निशान से दो मीटर नीचे बह रही अलकनंदा
श्रीनगर में अलकनंदा नदी खतरे के निशान से दो मीटर नीचे बह रही है। जिसका लेवल कभी भी बढ़ सकता है। ऐसे में एहतियातन लोगों को अलर्ट रहने को कहा जा रहा है।
बंद सड़कों को यथाशीघ्र खोला जाएः विनोद कुमार सुमन
मौसम विभाग द्वारा रविवार को उत्तराखंड के अधिकांश जनपदों में भारी से बहुत भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आईटी पार्क स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (कंट्रोल रूम) से जनपदों की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी जिलों के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों को एलर्ट पर रहने तथा हालात पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए। रविवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों से वर्तमान स्थिति तथा जिलों में हो रही बारिश को लेकर जानकारी ली।
उन्होंने नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे के साथ ही ग्रामीण सड़कों को लेकर निर्देश दिए कि जो भी मार्ग बंद हैं, उन्हें जल्द से जल्द खुलवाना सुनिश्चित किया जाए ताकि आम जनता को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास ने स्टेट तथा नेशनल हाईवे में यातायात संचालन की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यदि मार्ग बंद हैं तो साइनेज लगाए जाएं तथा लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाई जाए। साथ ही मार्ग खुलने की भी जानकारी आम जनमानस तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ग्रामीण सड़कों को भी जल्द से जल्द खोलने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।
उन्होंने नदियों के जलस्तर को लेकर भी डीडीएमओ से जानकारी ली और किसी भी आपात स्थिति को लेकर तुरंत राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सूचना भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने नदियों का जलस्तर बढ़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने और लोगों को नदी-नालों से दूर रहने को लेकर जागरूक करने को कहा। इस दौरान यूएसडीएमए के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, ड्यूटी ऑफिसर आलोक कुमार सिंह, एसईओसी के दिवस प्रभारी रोहित कुमार आदि मौजूद थे।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि सोशल मीडिया पर विभिन्न आपदाओं को लेकर भ्रामक तथा फर्जी पोस्ट डाले जाने की सूचना मिली है। पुराने वीडियो तथा फोटो को वर्तमान का बताकर गलत तरीके से प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने सभी डीडीएमओ से कहा कि आम जनता में भय और डर का माहौल न रहे, इसलिए ऐसे भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट का तुरंत खंडन किया जाए।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने प्रदेशभर में सूखी नदियों पर खास तौर पर नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के चलते सूखी नदियों में भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने लोगों से भी सूखी नदियों में न जाने तथा वाहन इत्यादि न खड़े करने की अपील की है।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों को राहत राशि वितरित करने में किसी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए। उन्होंने 15 जून से लेकर अब तक कितनी राहत राशि बंट चुकी है तथा कितने मामले लंबित हैं, इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अभी तक राहत राशि नहीं बांटी गई है, उन तक हर हाल में जल्द से जल्द राहत राशि पहुंचाई जाए।
जिलों के कंट्रोल रूम में इंटरनेट की सुविधा तथा कनेक्टिविटी सुचारु तथा निर्बाध रूप से बनी रहे, इसे लेकर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने सभी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिर्फ एक नेटवर्क के भरोसे न रहें और अन्य कंपनियों के नेटवर्क की भी सेवाएं लें ताकि यदि किसी एक की कनेक्टिविटी बाधित हो तो दूसरे नेटवर्क का प्रयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए यह जरूरी है कि सूचनाओं का आदान-प्रदान समय पर हो।