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Russia Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते वहां रह रहे विदेशी मूल के नागरिक दहशत में हैं। साथ ही उनके परिजन भी चिंतित और परेशान हैं। हालाँकि सभी देशों की सरकारें अपने अपने देश के नागरिकों को वहां से जल्द से जल्द बाहर निकालने का भरपूर प्रयास कर रही हैं। भारत सरकार ने भी अब तक सैकड़ों भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी करवा ली है। परन्तु अब भी बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक यूक्रेन में फंसे हैं। जिनकी वापसी के लिए लगातार प्रयास जारी है। उत्तराखंड के भी सैकड़ों छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं।

रूस व यूक्रेन के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए उत्तराखंड शासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। शनिवार को राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि हमें उत्तराखंड के 188 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है। विदेश मंत्रालय उन्हें बाहर निकालने के लिए जरूरी इंतजाम कर रहे हैं। उत्तराखंड का हेल्पलाइन नंबर 112 है। वहीं, बीते रोज अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने बताया था कि हेल्पलाइन नंबर 112 पर अब तक 154 नागरिकों की फंसे होने की सूचना मिली है। इसमें सबसे अधिक 39 देहरादून जिले के हैं। इसके अलावा ऊधमसिंह नगर के 20, टिहरी जिले के 10, अल्मोड़ा से एक, चमोली से दो, चंपावत से चार, पिथौरागढ़ से दो उत्तरकाशी से सात, पौड़ी गढ़वाल से 13, हरिद्वार से 26, रुद्रप्रयाग से पांच, नैनीताल से 22 नागरिकों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है। अपर सचिव गृह ने अपील की है कि उत्तराखंड के नागरिक जो विभिन्न कार्यों से यूक्रेन में निवासरत हैं, उनके स्वजन चिंतित व भयभीत न हों। अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान न दें। सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

शुक्रवार देर शाम अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि ऐसे 154 उत्तराखंडवासियों की पहली लिस्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा और भी लोगों ने अपने परिजनों के युद्धग्रस्त देश में फंसे होने की जानकारी दी है।

इसबीच विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा है कि यूक्रेन से निकाले गए 219 भारतीयों के साथ पहली उड़ान रोमानिया से मुंबई के लिए रवाना हुई। विदेश मंत्री ने बताया कि हम प्रगति कर रहे हैं। हमारी टीमें 24 घंटे ज़मीन पर काम कर रही हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं।