अल्मोड़ा: उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के द्वारा ई-माध्यम से संपूर्ण प्रदेश में संस्कृत व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत 1 मार्च 2023 को अल्मोड़ा जनपद के द्वारा व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। संस्कारों की विशेषता एवं वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिकता के अंतर्गत पंच महायज्ञ देव यज्ञ, पितृ यज्ञ, मनुष्य यज्ञ, भूत यज्ञ, ब्रह्म यज्ञ इस विषय पर व्याख्यानसत्र का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार से प्रोफेसर विनय कुमार विद्यालंकार अध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि आज पंच महायज्ञ के माध्यम से जीवन में प्रबंधन को अपनाना है कि किस प्रकार हम अपने जीवन को एक सही मार्ग पर ले जा सकते हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जया तिवारी ने कहा कि संस्कार का अर्थ है संस्करण, परिष्करण, विमलीकरण, शुद्धिकरण अर्थात उत्कर्ष के आधान को संस्कार कहते हैं।
उत्कर्षाधानं संस्कार: कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी उड़ीसा के वेद विभाग के सहायक आचार्य डॉ चंदन कुमार मिश्र ने कहा कि संस्कार वह है जिसके होने से कोई पदार्थ या व्यक्ति किसी कार्य के लिए योग्य हो जाता है। उन्होंने पंच महायज्ञ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रह्म यज्ञ के अंतर्गत वेद वेदांग पुराणादि आर्ष ग्रंथों का स्वाध्याय करना, पितृ यज्ञ के अंतर्गत श्राद्ध तर्पण आदि कर्मों का वर्णन किया गया है।
देव यज्ञ के अंतर्गत उन्होंने कहा कि जो हम देव पूजा यज्ञ तैयारी करते हैं जिसके अंतर्गत आदित्य, गणनाथ, देवी, रुद्र, केशव की पूजा इत्यादि का वर्णन किया गया है।
भूत यज्ञ के अंतर्गत उन्होंने बलिवैश्वदेव यज्ञ है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार संध्या ना करने से जैसे पाप लगता है ठीक उसी प्रकार पंच महायज्ञ का पालन नहीं करने से प्रत्यवाय अर्थात पाप लगता है। इसलिए हमें नित्य पंच महायज्ञ का पालन करना चाहिए। उनके अनुसार आचरण करना चाहिए। कार्यक्रम के अल्मोड़ा जनपद के संयोजक डॉ प्रकाश चंद्र जांगी ने कहा कि संस्कार वह है, संस्कार वे क्रियाएं तथा रीतियां है जो योग्यता प्रदान करती है।
अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के सह संयोजक डॉक्टर भूपेंद्र के द्वारा किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के राज्य संयोजक डॉ हरीश चंद्र गुरुरानी, डॉक्टर कमलेश धक्का, डॉ मूल चंद्र शुक्ल, डॉ चंद्रप्रकाश उप्रेती, डॉ नवीन जसोला, डॉ बबीता पांडे, डॉ नीरज कुमार जोशी, डॉ हेमचंद्र बेलवाल, डॉ हेमचंद्र जोशी, डॉ नीतू सिंह, पूजा जांगीगी, डॉ सीमा प्रिया, डॉ मंजरी जोशी, डॉ पुष्कर कांडपाल, डॉ ओम प्रकाश गुप्ता आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन जनपद संयोजक डॉ प्रकाश चंद्र जांगी असिस्टेंट प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय शीतलाखेत के द्वारा किया गया।